महिलाओं द्वारा चलाए जाने वाले वाहनों और स्कूल यूनीफॉर्म में बच्चों को लेकर जा रही कारों को 15 अप्रैल से शुरू हो रहे सम विषम योजना के दूसरे चरण से बाहर रखा गया है।
सोमवार को कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि पिछले 22 महीने में जो सरकार की नाकामियां रही हैं, जो असफलता रही है उसके ऊपर पर्दा डालने के लिए एक फर्जी बहस राष्ट्रवाद पर सरकार ने शुरु कर दी है।
पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस रणनीति बनाने में जुट गई है। इसी क्रम में पार्टी ने पंजाब के वरिष्ठ नेताओं से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और चुनाव प्रबंधन के विशेषज्ञ प्रशांत किशोर के साथ मुलाकात की। वहीं पार्टी प्रवक्ता और पूर्व सांसद मनीष तिवारी को बैठक से दूर रखा गया।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों की सहानुभूति में कूदे दिल्ली के महारथी ने अपने ही इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के हजारों छात्रों को जमकर चपत मार दी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके प्रिय सहयोगी मनीष सिसोदिया ने तुगलकी अंदाज में गुरु गोविन्द सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के छात्रों की फीस 2013 से बढ़ाने का आदेश जारी करवा दिया।
उत्तराखंड के गुरमीत सिंह ने शनिवार को जयपुर में राष्ट्रीय चैंपियनशिप में 20 किमी पैदल चाल का स्वर्ण पदक जीता जबकि रिकॉर्ड सात भारतीय रियो ओलिंपिक का क्वालीफाइंग स्तर हासिल करने में सफल रहे।
“एम. ए.। प्राचीन इतिहास में पीएच.डी। कहानी-कविता के साथ-साथ यात्रा वृत्तां पर भी पुस्तक। धूप का गुलाब और चबूतरे का सच नाम से कहानी संग्रह। बादल को घिरते देखा है यात्रा वृत्तांत और तख्त बनने लगा आकाश नाम से कविता संग्रह प्रकाशित। साथ में खिले हैं शब्द नाम से एक हाइकू संग्रह। महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी का मुंशी प्रेमचंद पुरस्कार।”
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सम-विषम योजना फिर शुरू हो सकती है। बताया जा रहा है कि योजना की दूसरी पारी के तारीखों की घोषणा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुरुवार को कर सकते हैं।
दिल्ली सरकार ने कहा हैै कि रेयान इंटरनेशनल स्कूल के छात्र देवांश की मौत के बाद उसके पिता के आरोपों के मद्देनजर सीबीआई जांच की सिफारिश की जाएगी। पिता का आरोप है कि बच्चे का यौन उत्पीड़न कर उसकी हत्या की गई।
मध्य प्रदेश के देवास जिले में निवास। युवा पीढ़ी के समर्थ कहानीकार। कुशल वक्ता। मनीष की कहानियों में समाज की विडंबनाओं को लेखा-जोखा बखूबी दिखता है। परिवार और रिश्तों की कहानियों की बुनावट इतनी सघन होती है कि इस बारीकी में भी रिश्तों के नुकीले कोने चुभते से महसूस होते हैं।