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Search Result : "मनोज वाजपेयी"

मायावती के करीबी रहे जुगल किशोर भाजपा से जुड़े

मायावती के करीबी रहे जुगल किशोर भाजपा से जुड़े

कभी बहुजन समाज पार्टी की ‌मुखिया मायावती के बेहद करीबी रहे पूर्व राज्यसभा सांसद जुगल किशोर भाजपा में शामिल हो गए। शुक्रवार को जुगल किशोर ने बाकायदा भाजपा के प्रति आस्‍था जताते हुए पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
मनोज कुलकर्णी की कहानी - औघड़ समय

मनोज कुलकर्णी की कहानी - औघड़ समय

मूलतः चित्रकार। अनेक चित्र-प्रदर्शनियों में कला-कृतियां चयनित, प्रदर्शित। प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कहानियां, कविताएं, रेखांकन, समीक्षाएं और कला-लेख प्रकाशित। एक कहानी-संग्रह के अलावा ‘जन-वाचन’ आंदोलन के लिए लिखी कुछ पुस्तकें प्रकाशित। जनवादी लेखक संघ की पत्रिका ‘नया-पथ’ के चित्रकला-विषेषांक के अलावा भारत ज्ञान विज्ञान समिति के लिए ‘ज्ञान विज्ञान वार्ता’ के कुछ अंकों और एक बाल पुस्तक माला का संपादन। बच्चों की किताबों के लिए रचनात्मक रेखांकन। कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों और पुस्तिकाओं के अनुवाद प्रकाशित। सांस्कृतिक और सामाजिक आंदोलनों से गहरा जुड़ाव। घुमक्कड़ी और फोटोग्राफी में गहरी दिलचस्पी।
शिवसेना की मोदी को नसीहत, 'महंगा पड़ेगा पाक की धरती चूमना'

शिवसेना की मोदी को नसीहत, 'महंगा पड़ेगा पाक की धरती चूमना'

शिवेसना ने पिछले दिनों अचानक पाकिस्तान की यात्रा करने पर पीएम मोदी पर करारा हमला किया है। पीएम की औचक लाहौर यात्रा पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने कहा कि भारतीय खून से सनी पाकिस्तानी भूमि को चूमना उनके लिए महंगा साबित होगा।
जातियों को रिझाने का दौर

जातियों को रिझाने का दौर

डा0 राम मनोहर लोहिया ने कभी नारा दिया था कि संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी ने बांधी गांठ, सौ में पाएं पिछड़े साठ, कुछ इसी ही अंदाज में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव भी उत्तर प्रदेश में नारा दे रहे हैं। मुलायम का कहना है कि पिछड़ों की आबादी 54 प्रतिशत है लेकिन देश पर 8 प्रतिशत वालों का राज है। मुलायम का यह वक्तव्य प्रदेश में साल 2017 के विधानसभा चुनाव के लिए तैयार की जा रही जमीन को लेकर है।
मात्र ऐतिहासिक दस्तावेज नहीं, अभिनंदन ग्रंथ

मात्र ऐतिहासिक दस्तावेज नहीं, अभिनंदन ग्रंथ

हिंदी के अनेक दुर्लभ ग्रंथ, पुरानी पुस्तकों की प्रति, पत्रिकाओं की पुरानी फाइलें अब उपलब्‍ध नहीं हैं। इस कारण देश के विश्वविद्यालयों में शोध कार्य प्रामाणिक ढंग से नहीं हो पाते और साहित्य में ऐतिहासिक तथ्यों को लेकर गड़बड़ियां बनी रहती हैं। इस कमी को देखते हुए राष्ट्रीय पुस्तक न्यास ने सन 1933 में प्रकाशित द्विवेदी अभिनंदन ग्रंथ को दोबारा प्रकाशित कर अच्छा काम किया है। लेकिन जिस तरह हड़बड़ी और असावधानी में यह ग्रंथ प्रकाशित किया गया है उसे लेकर चिंता होती है।
‘अब क्या’ सोचने का वक्त

‘अब क्या’ सोचने का वक्त

श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर फाउंडेशन के संवाद श्रृंखला 2 में समसामयिक घटना पुरस्कार वापसी और उसके विरोध पर ‘अब क्या’ विषय पर संवाद का आयोजन किया गया। पुरस्कार वापसी का समर्थन और विरोध कर रहे दोनों ही पक्षों ने अपनी-अपनी बात रखी।
किताब वापसी अभियान

किताब वापसी अभियान

किताब वापसी अभियान में दो दर्जन कवि, लेखक एवं कलाकारों का एक दल साहित्यकार अशोक वाजपेयी के वसुंधरा इन्क्लेव,दिल्ली स्थित घर पर शनिवार को सुबह पहुंचा। अभियान की तरफ से तीन लोगों का एक प्रतिनिधि मंडल अशोक वाजपेयी से मिला।प्रतिनिधि मंडल में कवि रसिक गुप्त, विनीत पांडेय और छायाकार आत्माराम शामिल थे। प्रतिनिधि मंडल ने किताब वापसी अभियान की तरफ से अशोक वाजपेयी की लिखी हुई एक किताब उनके द्वारा अकादेमी पुरस्कार वापसी के प्रतिकात्मक विरोध में उन्हें वापस की।
आर.के. सिंह ने फिर दिखाए तेवर, मनोज तिवारी भी कतार में

आर.के. सिंह ने फिर दिखाए तेवर, मनोज तिवारी भी कतार में

बिहार में चुनावी पराजय के बाद भाजपा में बवाल थम नहीं रहा। आज भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने पार्टी की रणनीति में खामी होने की बात कही जबकि असंतुष्ट सांसद आर.के. सिंह ने लालकृष्ण आडवाणी जैसे वरिष्ठ नेताओं की उस मांग का समर्थन किया जिसमें उन्होंने हार की जवाबदेही तय करने की बात कही है।
साहित्य को लेकर हम लापरवाह - उदयन वाजपेयी

साहित्य को लेकर हम लापरवाह - उदयन वाजपेयी

साहित्यिक पत्रिका समास के संपादक और साहित्यकार उदयन वाजपेयी अपनी कहानियों से ज्यादा उनके द्वारा लिए गए विभिन्न हस्तियों के साक्षात्कार के लिए पहचाने जाते हैं। कई साहित्यिक पत्रिकाओं के बीच समास का अलग तेवर है। स्थानीय पुट के साथ-साथ इसमें राष्ट्रीयता का दखल भी इसमें कम नहीं होता। साहित्यिक पत्रिकाओं की कमी और इस दुनिया के बदलते तेवर पर उन्होंने कई पहलुओं पर अपनी बात साझा की।
मैदान पर ही गंभीर और तिवारी के बीच झड़प

मैदान पर ही गंभीर और तिवारी के बीच झड़प

एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में दिल्ली में चल रहे एक रणजी मुकाबले के दौरान मैदान पर ही दो खिलाड़ी आपस में भीड़ गए। दोनों ही खिलाड़ी अपनी अपनी टीम के कप्तान भी हैं।
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