पाकिस्तान के लाहौर शहर में एक लोकप्रिय पार्क में कल तालिबान के भीषण आत्मघाती हमले में मरने वालों की संख्या 72 हो गई। हमले के समय पार्क में ईसाई लोग ईस्टर मना रहे थे।
अखबारों की छोटी सी खबर से आम जनता को पता चला कि 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस होता है। हिंदी के प्रति प्रतिबद्ध सरकार में केवल विदेश मंत्रालय ने एक आयोजन किया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने वर्ष 2012 में सेना की दो टुकड़ियों के दिल्ली कूच करने की खबर को सच बताकर सियासी विवाद खड़ा कर दिया है। हालांकि, इस मुद्दे पर वह अपनी ही पार्टी में अकेले पड़ते जा रहे हैं।
बताया जाता है कि जवाहर लाल नेहरू ने 1938 में अपने शुरू किए गए अखबार नेशनल हेराल्ड के कर्मचारियों से एक बार कहा था, हमें बनियागिरी नहीं आई। यदि सुब्रह्मण्यम स्वामी की कोशिशें सिरे चढ़ीं तो माना जाएगा कि शायद नेहरू के उत्तराधिकारी इस कला को सीख चुके हैं।
प्रख्यात कवि वीरेन डंगवाल का मुंह के कैंसर से निधन हो गया। उनकी याद में कवि-कहानीकार प्रियदर्शन की कलम भी रो पड़ी। उन्हीं के शब्दों में, ‘मुंबई के रास्ते था। तभी वीरेन डंगवाल के न रहने की खबर सुनी। मन खराब हो गया। भिंची हुई रुलाई जैसा कुछ। इसी में जैसे तैसे कुछ लिखा। यह श्रद्धांजलि नहीं है। पता नहीं क्या है।’ तीन भावनाएं आउटलुक के पाठकों के लिए।
अग्रणी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों में शुमार फेसबुक ने पत्रकारों की सुविधा के लिए एक नया टूल जारी किया है। यह टूल फेसबुक के व्यापक नेटवर्क पर मौजूद सामग्री को ढूंढने, संयोजित करने और प्रकाशित करने में पत्रकारों की मदद करेगा।
दक्षिण-पश्चिम चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में शनिवार को आए भूकंप और इसके बाद आने वाले झटकों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है जबकि बचावकर्मियों द्वारा दूर दराज के क्षेत्र में मौजूद प्रभावित लोगों तक पहुंचने का सिलसिला जारी है।