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Search Result : "माध्यम वर्ग"

प्रबंधन, आईटी, विधि की पढ़ाई हिंदी में कराने की पहल

प्रबंधन, आईटी, विधि की पढ़ाई हिंदी में कराने की पहल

हिंदी भाषी छात्रों के लिए प्रबंधन, आईटी, फिल्म, पत्रकारिता जैसे विषयों में रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा देते हुए महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा ने इन विषयों में हिंदी माध्यम में पाठ्यक्रम तैयार किए हैं और शिक्षा को आगे बढ़ाने की पहल की है।
आरएसएस और भाजपा के बीच तकरार

आरएसएस और भाजपा के बीच तकरार

गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बीच मुलाकात की खबरें आने के बाद स्कूलों में अध्ययन के माध्यम के मुद्दे पर राज्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और सत्ताधारी भाजपा के बीच पहले से जारी तकरार आज और बढ़ गई। बताया जाता है कि इस मुलाकात में पारसेकर ने शाह से मांग की कि आरएसएस की गोवा इकाई के प्रमुख को पद से हटाया जाए।
चर्चाः बचत पर कैंची खतरनाक | आलोक मेहता

चर्चाः बचत पर कैंची खतरनाक | आलोक मेहता

भाजपा सरकार दस कदम आगे बढ़ने के साथ शीर्षासन के अंदाज में दो कदम पीछे हटने की कोशिश में संतुलन खो देती है। बजट को ‘सूट-बूट’ की छवि से निकालने के लिए ग्रामोन्मुख रखा गया, लेकिन वेतनभोगी कर्मचारियों और मजदूरों की खून-पसीने की कमाई की बचत भविष्य निधि के एक हिस्से पर टैक्स का प्रस्ताव रखकर गड़बड़ा गई है।
सुपर-30 की सफलता पर जल्द ही आएगी किताब

सुपर-30 की सफलता पर जल्द ही आएगी किताब

समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 30 विद्यार्थियों को देश के प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में प्रतिवर्ष भेजने वाले सुपर-30 की सफलता की कहानी जल्द ही एक किताब के रूप में प्रकाशित होकर लोगों के सामने आएगी। भारतीय मूल के डॉक्टर और मनोचिकित्सक डॉ. बीजू मेथ्यू सुपर-30 की सफलता पर करीब 250 पन्नों और छह से सात अध्याय वाली एक किताब लिख रहे हैं, जो कि लगभग दो से तीन माह में बिक्री के लिए बाजार में आ जाएगी। इसे पेन्गुइन बुक्स और रेंडम हाउस द्वारा प्रकाशित किया जाएगा।
उपन्यास अंश - पच्चीस वर्ग गज

उपन्यास अंश - पच्चीस वर्ग गज

अर्पण कुमार का यह उपन्यास दिल्ली की पृष्ठभूमि पर लिखा गया है। अर्पण कुमार मूलतः कवि हैं, यह लेखक का पहला उपन्यास है। इस उपन्यास में दिल्ली की अलग छवि सामने आएगी। दिल्ली को दूसरे नजरिये से देखा जाता है यह उपन्यास इस शहर को नई दृष्टि देगा।
पिछड़ा वर्ग आरक्षण सरकार के लिए चुनौती

पिछड़ा वर्ग आरक्षण सरकार के लिए चुनौती

बिहार विधानसभा चुनाव में पिछड़ा वर्ग को मिले आरक्षण के एक मुद्दे ने देश की सियासत ही बदल दी। चुनाव के दौरान जिस तरह से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण की समीक्षा के बयान की जो मतदाताओं में प्रतिक्रिया हुई, उसे देखते हुए भाजपा और राजग के साथ खड़े पिछड़े वर्ग के नेता सियासी अहमियत समझ अब इस वर्ग के हितों की बात खुलकर करने लगे हैं। हालांकि भाजपा नेताओं ने बार-बार इस बात को दुहराया कि आरक्षण की समीक्षा नहीं की जाएगी लेकिन इसका खास सियासी असर नहीं पड़ा।
25 साल बाद मंडल-2 की  बड़ी चुनौती

25 साल बाद मंडल-2 की बड़ी चुनौती

1990 में जब प्रधानमंत्री विश्वनाथ सिंह ने मंडल आयोग की सिफारिशाें को लागू करने का कदम उठाया तो उस समय पूरी सियासत ही गरमा गई। जगह-जगह वीपी सिंह के पुतले फूकें जा रहे थे और उनकी सरकार भी गिरा दी गई। पच्चीस साल बाद भी मंडल आयोग की सिफारिशें पूरी तरह से लागू नहीं हो पाईं। मंडल आयोग की रिपोर्ट में 13 अनुशंसाएं की गई थीं लेकिन दो ही अनुशंसाएं लागू हो पाईं।
पिछड़े वर्ग के आरक्षण के 25 सालः 'लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई'

पिछड़े वर्ग के आरक्षण के 25 सालः 'लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई'

मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू होने के पच्चीस साल पूरे होने पर आरक्षित कौमों को बधाई देता हूं। साथ ही मैं सुप्रीम कोर्ट का भी शुक्रगुजार हूं कि आरक्षण को लेकर कई तरह की बाधाएं पैदा हुई लेकिन हर बात जीत हमारी हुई। जिस दिन मंडल कमीशन लागू किए जाने की घोषणा हुई उस दिन से लेकर आज-तक लगातार किसी न किसी कारण से सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई जाती रही है। लेकिन इसमें जीत हमेशा आरक्षित कौमों की हुई।
पिछड़े वर्ग के मतदाताओं को लुुभाने के लिए भाजपा का नया दांव

पिछड़े वर्ग के मतदाताओं को लुुभाने के लिए भाजपा का नया दांव

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने पिछड़े वर्ग के मतदाताओं को लुभाने के लिए नया दांव चला है। भाजपा अब राज्य में पहली बार पार्टी द्वारा गठित ओबीसी मोर्चा की पहली राज्य स्तरीय कार्यकारिणी का गठन बिहार में करेगा।
मोदी के पहले ओबीसी प्रधानमंत्री होने पर बहस

मोदी के पहले ओबीसी प्रधानमंत्री होने पर बहस

क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो अन्य पिछले वर्ग के हैं। इस बात को लेकर बहस तेज हो गई है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का दावा है कि नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जो पिछड़े वर्ग हैं। शाह के इस दावे को जनता दल यूनाइटेड सहित कई नेताओं ने खंडन किय है।
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