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अफगानिस्तान में मिला पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री का अपहृत पुत्र

अफगानिस्तान में मिला पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री का अपहृत पुत्र

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के तीन साल पहले अपहृत हुए बेटे को अमेरिकी और अफगानिस्तानी सेनाओं द्वारा चलाए गए एक संयुक्त अभियान के तहत मंगलवार को अफगानिस्तान से बरामद कर लिया गया। गिलानी के बेटे को तीन साल पहले संदिग्ध तालिबान आतंकियों द्वारा अपहृत कर लिया गया था।
नीतीश बने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष, शरद करते रहेंगे मार्गदर्शन

नीतीश बने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष, शरद करते रहेंगे मार्गदर्शन

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज जदयू के नए अध्यक्ष निर्वाचित हुए। इस पहल के जरिये कुमार का पार्टी पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित हो गया है और बिहार से बाहर पार्टी के प्रसार की कोशिशों और 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
मुंबई हमले के बाद हेडली के घर गए थे पाकिस्तानी पीएम गिलानी

मुंबई हमले के बाद हेडली के घर गए थे पाकिस्तानी पीएम गिलानी

एक सनसनीखेज खुलासे में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी डेविड कोलमेन हेडली ने आज मुंबई की एक अदालत को बताया कि मुंबई पर 26/11 आतंकी हमलों के कुछ सप्ताह बाद ही पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री यूसुफ रज़ा गिलानी उसके घर आए थे।
निर्भया कांड: दोषी को उसके गांव में नहीं घुसने देंगे गांव वाले

निर्भया कांड: दोषी को उसके गांव में नहीं घुसने देंगे गांव वाले

निर्भया के साथ दरिंदगी के आरोप में तीन साल की सजा भुगतने के बाद रिहा हो रहे किशोर की सजा बढ़ाने की पुरजोर मांगों के बीच बदायूं स्थित उसके गांव में एक पक्ष उसके गांव में दाखिल होने का विरोध करने की तैयारी में है। इस बीच दोषी की रिहाई को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा कारणों से उसे बाल सुधार गृह से किसी दूसरी जगह पर शिफ्ट कर दिया गया है।
दहेज के खिलाफ उलेमाओं की पहल

दहेज के खिलाफ उलेमाओं की पहल

बरेलवी मरकज दरगाह आला हजरत के उलमा ने दहेज मांगने वालों और शादियों में खड़े होकर खाना खिलाने वालों का बहिष्कार करते हुए उनके यहां निकाह न पढ़ाने का फैसला किया है।
खाक हो चुकी नौका पर विवाद जारी

खाक हो चुकी नौका पर विवाद जारी

पाकिस्तान की तरफ से 31 दिसंबर 2014 की रात भारतीय सीमा में प्रवेश करने वाली रहस्यमय नौका को लेकर नौसेना अधिकारियों और भारत सरकार के विवादास्पद बयानों से रहस्य और गहराता जा रहा है।
शांति के पासे फेंकने की जरूरत

शांति के पासे फेंकने की जरूरत

निर्मला देशपांडे की पाकिस्तान में बरसी से उठी ये सदाएं मनमोहन सिंह पहुंची या यह उनकी अंत: प्रेरणा थी अथवा अमेरिकी उत्प्रेरणा, जैसा कि कुछ लोग विश्‍वास करना चाहते हैं, शर्म अल शेख के संयुक्त वक्तव्य में ब्लूचिस्तान के जिक्र के लिए राजी होकर और भारत-पाक समग्र वार्ता के लिए भारत में आतंकवादी हमले रोकने की पूर्व शर्त को ढीला करके भारतीय प्रधानमंत्री ने शांति के लिए एक जुआ खेला है। मुंबई हमले के बाद दबाव की कूटनीति से भारत को जो हासिल होना था वह हो चुका और पाकिस्तान को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकतंत्र के खिलाफ अपेक्षया गंभीर कार्रवाई के लिए बाध्य होना पड़ा। दबाव की कूटनीति की एक सीमा होती है और विनाशकारी परमाणु युद्ध कोई विकल्प नहीं हैं। इसलिए वार्ता की कूटनीति के लिए जमीन तैयार करने की जरूरत थी। ब्लूचिस्तान के जिक्र को भी थोड़ा अलग ढंग से देखना चाहिए।
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