व्हाइट हाउस ने अमेरिका के एक पूर्व नौसैन्यकर्मी द्वारा कंसास शहर में एक भारतीय इंजीनियर की हत्या किए जाने की निंदा करते हुए इस घटना को नस्लवाद से प्रेरित बताया है।
अभिव्यक्ति की आजादी के मुद्दे पर अपने विचारों को लेकर चर्चा में आई दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा गुरमेहर कौर के समर्थन में अब क्रिकेटर गौतम गंभीर आए, वहीं छात्रा का मजाक उड़ाने पर हो रही आलोचना के बाद वीरेंद्र सहवाग रक्षात्मक हो गए हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में कथित तौर पर देश विरोधी नारेबाजी करने वालों के खिलाफ एक वकील ने तीस हजारी कोर्ट में आपराधिक शिकायत दायर कर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है। कोर्ट ने इस मामले पर छह मार्च को सुनवाई करने का फैसला किया है।
छात्र राजनीति में आंदोलन, हड़ताल, हिंसा की घटनाएं पहले भी होती रही हैं। लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में हुए टकराव में भयावह शब्दों के साथ घृणित हिंसा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
व्हाइट हाउस ने कहा है कि कंसास से मिल रही प्रारंभिक खबरें चिंता पैदा करने वाली हैं, जहां स्पष्ट रूप से घृणा अपराध के मामले में एक भारतीय इंजीनियर की गोली मारकर हत्या कर दी गई और एक व्यक्ति घायल हो गया।
दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में हिंसक झड़पों के कुछ दिन बाद लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा और करगिल में शहीद हुए जवान की बेटी ने सोशल मीडिया पर एक अभियान शुरू किया है, जिसका नाम है- मैं एबीवीपी से नहीं डरती। यह अभियान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज कहा कि उनका प्रशासन अच्छी तरह काम कर रहा है और मीडिया में आ रही रिपोर्टों के विपरीत व्हाइट हाउस में कोई अव्यवस्था नहीं है। उन्होंने मीडिया को बेइमान बताया।
डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में व्हाइट हाउस तक मीडिया की नियमित पहुंच बीते समय की बात हो सकती है क्योंकि आगामी प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि वे आसपास किसी ज्यादा खुली जगह का विकल्प तलाश रहे हैं। अधिकारियों के इस विचार को व्हाइट हाउस संवाददाता संघ (डब्ल्यूएचसीए) ने अस्वीकार्य बताया है।
बांग्लादेशी हिंदुओं ने अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा से यह अपील करने के लिए व्हाइट हाउस के समक्ष शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया कि वह मुस्लिम बहुल देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को समाप्त करने और अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में मदद करें।
नोटबंदी के एक महीने बीतने के बाद भी कोलकाता के प्रकाशन उद्योग केन्द्र कॉलेज स्ट्रीट के प्रकाशकों का कहना है कि हाल के वर्षों में इस अवधि में होने वाली किताबों की बिक्री इस साल घटकर उसके दसवें हिस्से पर पहुंच गई है।