हज के लिए सऊदी अरब पहुंचे दुनिया भर के लाखों मुसलमान हज से जुड़े अरकानों (धार्मिक रीति रिवाज) को एक-एक कर पूरा करते हुए रविवार को अराफात की पहाड़ी पर पहुंचे। इस पहाड़ी पर इबादत को हज के दरम्यान का एक अहम पड़ाव माना जाता है। पिछले साल की भगदड़ की त्रासदी के बाद इस बार व्यापक प्रबंध किए गए हैं।
राजस्थान सरकार और जयपुर राजघराने के बीच 2 हजार करोड़ की संपत्ति को लेकर तनातनी बढ़ गई है। राजस्थान सरकार ने राजपरिवार के राजमहल पैलेस से जुड़े करीब 13 बीघे जमीन पर कब्जे को लेकर राजमहल पैलेस के तीन गेटों पर ताला जड़ दिया है। जयपुर राजघराने की राजकुमारी दीया कुमारी भारतीय जनता पार्टी से ही विधायक हैं।
प्रोफेसर रघुवंश की पुस्तक हम भीड़ के लोकार्पण में दिल्ली आए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश ने सियासी बोलों की कोई कमी नहीं रखी। समाजवादी रघुवंश के बहाने उन्होंने अपने आपातकाल के किस्से सुनाए और भारतीय जनता पार्टी की तिरंगा यात्रा पर भी कटाक्ष किया। नीतीश ने कहा, ‘यह देख कर अच्छा लग रहा है कि जो लोग तिरंगा को मानते भी नहीं थे वे ही लोग अब तिरंगा यात्रा निकाल रहे हैं।’
जम्मू-कश्मीर में स्थित वैष्णों देवी में श्रद्धालुओं के बढ़ते दबाव और तीर्थ यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए एक नया मास्टर प्लान बनाने की अनुशंसा की गई है। जम्मू कश्मीर के रियासी जिला स्थित माता वैष्णोदेवी गुफा मंदिर के पूरे क्षेत्र के लिए जल्द ही अगले 50 सालों के लिए मास्टर प्लान बनेगा।
प्रसिद्ध लेखिका, पद्म विभूषण, ज्ञानपीठ, साहित्य अकादमी, मैगसायसाय अवॉर्ड विजेता महाश्वेता देवी का 90 साल की उम्र में निधन हो गया। कोलकाता में उन्होंने अंतिम सांस ली। वह काफी दिनों से बीमार थीं।
अपने ज़माने की बेहतरीन गायिका मुबारक बेगम दुनिया से विदा हो गईं । 'शो मस्ट गो ऑन' के दर्शन में यक़ीन रखने वाली फ़िल्म इंडस्ट्री की आबोहवा पर उनकी रुख़्साती से कोई फ़र्क़ ना तो पड़ना था और ना ही पड़ा । बेशक आम भारतीय आज भी उनके गीत 'कभी तनहाइयों में यूँ तुम्हारी याद आएगी' में खोए हों मगर फ़िल्म उद्योग ने तो उन्हें वर्ष 1980 में तब ही भुला दिया था जब उन्होंने आख़िरी बार किसी हिंदी फ़िल्म के लिए गाना गाया था ।
पूरे ओडि़शा और उसके बाहर भी बुधवार को भगवान जगन्नाथ के मंदिरों में रथयात्राएं निकाली गयीं लेकिन गंजाम के मरदा में 300 साल पुराने मंदिर में यह अनुष्ठान नहीं हुआ। मरदा के इस मंदिर में कोई देवी-देवता नहीं है।
एक दौर था जब उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में फूलन देवी के नाम की धमक थी। दस्यु सुंदरी से सांसद बनी फूलन की एक निगाह पड़ते ही इलाक़े के लोगों की क़िस्मत बदल जाती थी। बीहड़ के दिनो में अमीरों को लूटकर ग़रीबों की मदद करने की उसकी अदा ने उसे इलाक़े का रॉबिनहुड ही बना रखा था। लोगों की मदद करने की शैली फूलन के सांसद बनने के बाद भी नहीं बदली। मगर अब फूलन इस दुनिया में नहीं है और उसकी बूढ़ी मां दर-दर की ठोकरें खा रही है।