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Search Result : "मुकेश भट्ट"

बिहार चुनाव के उत्तरित-अनुत्तरित प्रश्न | नीलाभ मिश्र

बिहार चुनाव के उत्तरित-अनुत्तरित प्रश्न | नीलाभ मिश्र

पहली बार मैं किसी मामले में अमित शाह से खुद को पूरी तरह सहमत पाता हूं। यह कि बिहार चुनाव केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों और कामकाज पर जनमत संग्रह नहीं है।
‘शानदार’ बोरियत

‘शानदार’ बोरियत

लगता है शाहिद कपूर को अंदाजा नहीं है कि शादी के बाद खर्चे बढ़ जाते हैं। इस बात का अंदाजा होते ही वह सिर्फ बढ़िया काम करना चाहेंगे, ‘शानदार’ के चक्कर में नहीं पड़ेंगे।
शाहिद को मिली खुली छूट

शाहिद को मिली खुली छूट

शाहिद कपूर की शादी को तीन महीने बीत गए हैं। मीरा के साथ उनकी जिंदगी ठीक ठाक चल रही है इसके बहुत सारे सुबूत समय-समय पर मिलते रहते हैं।
नी‍तीश कुमार को मिला बिहार के 'हार्दिक पटेल' का साथ

नी‍तीश कुमार को मिला बिहार के 'हार्दिक पटेल' का साथ

बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के महागठबंधन को निषाद समुदाय के उभरते नेता मुकेश सहनी का समर्थन मिला है जिनके तेवर हार्दिक पटेल से काफी मिलते-जुलते हैं।
कहानी: हिंदी पखवाड़े में लोकभाषा हितैषी

कहानी: हिंदी पखवाड़े में लोकभाषा हितैषी

साहिर लुधियानवी के हिन्दी गीत के संकलन का संपादन। साहिर लुधियानवी : मेरे गीत तुम्हारे हैं नाम से एक और पुस्तक प्रकाशनाधीन। सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में कहानियां और गजलें प्रकाशित। साहित्य से इतर पर्यावरण पर भी लेखन। पिछले चार वर्षों से साहिर लुधियानवी के गीतों का डॉक्युमेंटेशन और ब्लॉग लेखन। गढ़वाली भाषा और संस्कृति पर सक्रिय संस्था ‘धाद’ से संबद्ध।
आहें भरती बीमार नौकरशाही

आहें भरती बीमार नौकरशाही

राजनीतिक हस्तक्षेप और बेजा इस्तेमाल की बीमारी की वजह से नौकरशाही का मनोबल अब तक के सबसे निचले स्तर पर है।
न्यूजX में पीटर-इंद्राणी के कारनामे भी कम रहस्‍यमय नहीं

न्यूजX में पीटर-इंद्राणी के कारनामे भी कम रहस्‍यमय नहीं

पीटर और इंद्राणी मुखर्जी के न्यूज एक्स चैनल से रूखसत लेने से कुछ दिन पहले न्यूज रूम में घबराहट तारीं थी। भारत के इस पहले उच्च परिभाषा वाले खबरिया चैनल की स्थापना मुखर्जी दंपति ने सिलसिलेवार संदिग्ध सौदों के जरिये की थी। हवा में यह बात गूंज रही थी कि न्यूज एक्स का पैसा खत्म हो गया है और उसका प्रसारण बंद होने वाला है।
जवाब में बर्खास्‍त आईपीएस अफसर संजीव भट्ट की कविता

जवाब में बर्खास्‍त आईपीएस अफसर संजीव भट्ट की कविता

वर्ष 2002 में गोधरा कांड के बाद भड़के दंगों को लेकर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली गुजरात सरकार पर सवाल उठाने वाले आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। केंद्र सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए संजीव भट्ट ने कहा कि वह 24 साल की उम्र में एक जुनून के साथ आईपीएस में आए थे और यह आग आज भी उनके अंदर जल रही है। उनका कहना है कि सरकार ने ड्यूटी से गैर-हाजिर रहने के मनगढ़ंत आरोपों पर एकतरफा जांच कर उन्‍हें सेवा से हटाने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ संजीव भट्ट ने एक कविता के जरिये अपनी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त की है। इस अंग्रेजी कविता का अनुवाद इस प्रकार है:
गठला – आत्माओं का स्थायी पता

गठला – आत्माओं का स्थायी पता

मध्य भारत के भील आदिवासियों की संस्कृति में ऐसा माना जाता है कि मृत और जीवित आत्माएं एक ही साथ एक ही क्षेत्र में निवास करती हैं। मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान के इलाकों में पाई जाने वाली इस भील जाति से जुड़ी ऐसी ही कई अन्य परंपराओं और रीति-रिवाजों को विक्रम मोहन ने एक समकालीन नृत्य नाटिका में समेटा है। उन्होंने इसका नृत्य निर्देशन भी किया है।
एक पत्रकार जो फिल्म की कहानी बन गया

एक पत्रकार जो फिल्म की कहानी बन गया

गरीबी और भ्रष्टाचार को कैमरे से कैद करने वाला एक युवा पत्रकार खुद फिल्म की कहानी बन गया। वह छोटे-छोटे सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार और गरीबी पर वीडियो बना उन्हें इंटरनेट पर लोड कर देता। उसकी कहानियां वाशिंगटन डीसी के लॉयरेल ग्वीज डेक और ग्रेगरी वॉल्स ने देखी तो उसपर फिल्म बनाने के लिए भारत आ पहुंचे। फिल्म लगभग तैयार है।
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