Advertisement

Search Result : "मुख्यालय"

बंदूक वाले हाथों में सज रही है मेंहदी, पुलिस वाले होंगे बाराती

बंदूक वाले हाथों में सज रही है मेंहदी, पुलिस वाले होंगे बाराती

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की गोलियों का सामना कर रही पुलिस अब इन्हीं नक्सलियों का घर बसाने जा रही है। राज्य का बस्तर जिला शनिवार को माओवादी जोड़े के विवाह का गवाह बनेगा। राज्य के अति नक्सल प्रभावित बस्तर जिले की पुलिस इन दिनों जिले के दरभा क्षेत्र की निवासी कोसी मरकाम और बीजापुर जिले के पोडियामी लक्ष्मण के विवाह की तैयारी में है। विवाह के लिए जिला मुख्यालय जगदलपुर के गांधी मैदान को तैयार किया गया है और समारोह के लिए मेहमानों को निमंत्रण पत्र भी भेजा जा चुका है।
यूएन मुख्यालय पर मोदी के खिलाफ सिखों, पटेलों का प्रदर्शन

यूएन मुख्यालय पर मोदी के खिलाफ सिखों, पटेलों का प्रदर्शन

पाटीदार और सिख समुदाय के लोगों और उनके समर्थकों ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रधानमंत्री का उस समय संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन में सतत विकास पर संबोधन हो रहा था।
फेसबुक मुख्यालय जाएंगे मोदी, जुकरबर्ग ने किया ऐलान

फेसबुक मुख्यालय जाएंगे मोदी, जुकरबर्ग ने किया ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 सितंबर को सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी फेसबुक के मुख्यालय जाएंगे। मोदी गूगल कंपनी के परिसर गूगलप्लेक्स भी जा सकते हैं।
बेटे को शहीद का दर्जा दिलाने की जंग

बेटे को शहीद का दर्जा दिलाने की जंग

एक बुजुर्ग पिता पिछले आठ महीनों से रक्षा मंत्रालय, सेना मुख्यालय के चक्कर काट रहा है। जिंदगी भर पूरे दमखम से सत्ता प्रतिष्ठानों से लड़ने-भिड़ने का रसूख रखने वाले सांवलराम यादव ने प्रण किया है कि वह युद्ध में हताहत हुए अपने बेटे को शहीद का दर्जा दिलवाए बिना चैन से नहीं बैठेंगे। मामला सिर्फ एक जवान की मौत का नहीं है। इससे जुड़ा हुआ है, उन सैकड़ों जवानों की मौत का मसला जो सियाचिन से लेकर दुर्गम सीमा पर देश के लिए अत्यंत विषम परिस्थितियों में जान गंवा देते हैं। इन जवानों की मौत को आखिरकार शहीद का दर्जा क्यों नहीं मिलता?
संजय जोशी की घर वापसी पर मन की बात

संजय जोशी की घर वापसी पर मन की बात

अभी ज्यादा दिन नहीं बीते हैं जब नरेंद्र मोदी की ‘मित्रों’ की सूची से बाहर रहने वाले संजय जोशी के जन्मदिन पर दिल्ली के इस कोने से उस कोने तक बधाइयों के संदेश वाले पोस्टर लग गए थे। आयुष मंत्री श्रीपाद नाइक समेत दो और नेताओं को सफाई देने के साथ श्रीपाद के निजी सचिव को इस्तीफा देना पड़ा था। अब यह ‘पोस्टर वार’ लगता है खुल कर सामने आ गया है।
प्रकृति से छीना तो वापस भी करो

प्रकृति से छीना तो वापस भी करो

हिमाचल प्रवास के दौरान कहीं वैसे रसीले आडू भी नहीं दिखे जैसे हमने राज्य में घुसने के ठीक पहले पंचकुला में लिए थे। और लाल-लाल चेरी ने हमें सिर्फ नारकंडा के आसपास राजमार्ग पर लुभाया। पहाड़ी ढलानों पर सेबों के बागान-दर-बागान दिखते चले गए और हम लोगों से पूछते रहे, कहां गए, कहां गए हिमाचल के मशहूर सेब? शायर मिलते तो कह देते, सेबों को किन्नौरी बालाओं के रुखसार की रंगत में देखिए। लेकिन हमें पता चला, हिमाचल में इस बार फलों की पैदावार में जबर्दस्त गिरावट आई है। फलों में वहां मुख्य पैदावार सेब और नाशपाती की होती है और इन दोनों का उत्पादन इस वर्ष 50-60 प्रतिशत कम हुआ है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement