दंगे के चौथे दिन बुधवार को मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पीडि़तों का दर्द जानने पहुंचे। घटना को दुखद बताते हुए उन्होंने इसमें बाहरी लोगों का हाथ होने की आशंका जताई। साथ ही कनीय पुलिस अधिकारियों को भी इसके लिए दोषी ठहराया।
दंगे को लेकर सरैया थाना पुलिस की भूमिका कठघरे में है। छात्र भारतेंदु के अपहरण के आरोपी के खिलाफ सुबूत देने पर भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। वह युवक के सकुशल होने की बात कहती रही। जैसे ही छात्र का शव मिला लोग बेकाबू हो गए। पुलिस की कमजोरी यहां भी सामने आई। क्योंकि लगातार सूचना दिए जाने के बाद भी पुलिस वहां नहीं पहुंची। जबकि दो घंटे तक उपद्रवी हिंसा व आगजनी करते रहे।