जमाना फार्मूले का है। राजनीति भी इससे अछूती नहीं। अब देखिए ना बिहार में गठबंधन का फार्मूला हिट हुआ तो अब उसे उत्तर प्रदेश में भी दोहराने की जुगत लगाई जा रही है। हालांकि शुरूआती दौर में बड़े खिलाड़ी अभी पर्दे के पीछे हैं मगर बातचीत के दौर बता रहे हैं कि बात तो बनकर ही रहेगी। बिहार के नायक नीतीश कुमार इस बार पूरी तरह स्वयं कमान संभाले हुए हैं, उनकी पार्टी जद (यू) के अध्यक्ष शरद यादव तो पिछली सीट पर ही बैठे हैं।
जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी को उचित ठहराते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी ने सोमवार को दावा किया कि कन्हैया ने परिसर में विवादित कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रविरोधी नारे लगाए थे लेकिन पुलिस को अब तक जेएनयू की घटना का लश्करे तैयबा से जुड़ाव का सबूत नहीं मिला है।
जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की मां ने अपील करते हुए कहा, कृपया मेरे बेटे को आतंकवादी मत कहिए। कन्हैया की मां मीना देवी एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं और साढ़े तीन हजार रूपये प्रति माह कमाती हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज यह दावा कर राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया कि जेएनयू में पिछले दिनों संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी के विरोध में हुए कार्यक्रम को आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का समर्थन मिला था। राजनाथ के बयान के तुरंत बाद विपक्षी पार्टियों ने मांग की कि गृह मंत्री जेएनयू परिसर में हुए कार्यक्रम को लेकर किए गए अपने दावे को साबित करने के लिए सबूत दें।
स्मार्ट सिटी बनाने की केंद्र सरकार की जो पहल है वह सियासी रुप ले रही है। बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के लोगों की नाराजगी इस बात पर है कि पहले चरण में इन राज्यों से स्मार्ट सिटी के रुप में किसी शहर को नहीं शामिल किया गया।
जेएनयू में कथित देश विरोधी नारेबाजी का मामला गंभीर होता जा रहा है। जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी को लेकर वाम दलों के नेताओं ने शनिवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इस मुलाकात में वाम नेताओं ने गृह मंत्री से कन्हैया कुमार की रिहाई के साथ ही मामले की गंभीरता से जांच की मांग की। मिली जानकारी के अनुसार शनिवार दोपहर बाद वाम नेताओं ने इस मामले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात की है।
जेएनयू में राष्ट्रविरोधी नारेबाजी के आरोप में छात्र संघ अध्यक्ष को गिरफ्तार किए जाने के विरोध में आयोजित एक विरोध सभा में विभिन्न दलों के नेता शामिल हुए। सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा सचिव डी राजा के अलावा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए जेएनयू परिसर पहुंचे। विरोध में हिस्सा लेकर नेताओं ने छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की रिहाई की मांग की। इस बीच, सरकार ने जोर देकर कहा कि इस प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी को देशद्रोही गतिविधियों का अड्डा नहीं बनने दिया जा सकता।