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कॉरपोरेट को बड़ी राहत- टैक्स की प्रभावी दर 34.94 से घटकर 25.17 फीसदी हुई, मैट में भी कटौती

कॉरपोरेट को बड़ी राहत- टैक्स की प्रभावी दर 34.94 से घटकर 25.17 फीसदी हुई, मैट में भी कटौती

सरकार ने शुक्रवार को कॉरपोरेट जगत को बड़ी राहत देने का ऐलान किया। कंपनियों के लिए इनकम टैक्स की दर लगभग...
महाकालेश्वर मंदिर में दान किये जा सकेंगे शेयर

महाकालेश्वर मंदिर में दान किये जा सकेंगे शेयर

अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा, तो आंध्रप्रदेश के तिरूपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर मध्य प्रदेश के महाकालेश्वर मंदिर समेत छह देवालयों के नाम डी-मैट खाते खोले जायेंगे। इन खातों के खुलने के बाद भक्त अपने इष्ट को शेयर और प्रतिभूतियां भी दान कर सकेंगे जिससे मंदिरों की आय में इजाफा होगा।
विदेशी निवेशकों के अच्‍छे दिन, एफआर्इआई को मैट से मुक्ति

विदेशी निवेशकों के अच्‍छे दिन, एफआर्इआई को मैट से मुक्ति

विदेशी संस्‍थागत निवेशकों यानी एफआईआई को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने उन्‍हें मिनिमम अल्टरनेट टैक्स यानी मैट में बड़ी छूट दी है। अब एक अप्रैल 2015 से पहले एफआईआई के पूंजीगत लाभ पर मैट नहीं लगेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने न्यायमूर्ति एपी शाह समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि एफआईआई पर पिछली तारीख से इस प्रकार का कर लगाने का कोई आधार नहीं है।
एफआईआई को राहत, मैट नहीं लगाने की सिफारिश

एफआईआई को राहत, मैट नहीं लगाने की सिफारिश

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) को एक बड़ी राहत मिल गई है। सरकार द्वारा नियुक्त एक समिति ने एफआईआई पर पिछली तारीख से विवादास्पद न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) लगाने का कोई मामला नहीं बनता है। बताया जाता है कि सरकार इस सुझाव पर सकारात्मक रख के साथ विचार कर रही है।
मैट बकाये पर एफआईआई के खिलाफ कार्रवाई नहीं

मैट बकाये पर एफआईआई के खिलाफ कार्रवाई नहीं

सरकार द्वारा विधि आयोग के चेयरमैन ए पी शाह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति के गठन की घोषणा के बाद वित्त मंत्रालय ने विदेशी निवेशकों से न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) की वसूली के लिए जोर जबर्दस्ती नहीं करने का फैसला किया है।
मैट पर कर संधि लाभ चाहती हैं विदेशी कंपनियां

मैट पर कर संधि लाभ चाहती हैं विदेशी कंपनियां

कर विशेषज्ञों ने कहा है कि वित्त मंत्री अरूण जेटली की विदेशी कंपनियों की कुछ आय पर मैट में छूट की घोषणा से विदेशी कंपनियों को राहत जरूर मिली है लेकिन सरकार को पिछले बकाये के लिए कर संधि लाभों के बारे में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
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