मणिपुर विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला प्रदेश के पलक्कड़ जिले की जनजातीय बस्ती अट्टापड्डी में कुछ समय गुजारेंगी।
अपने बयानों के लिए अक्सर चर्चा में रहने वाले भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। आदित्यनाथ ने इस बार मदर टेरेसा को लेकर विवादित टिप्पणी करते हुए कहा है कि टेरेसा जैसे लोगों ने भारत के ईसाईकरण की कोशिश की।
सैनिक कॉलोनियों और कश्मीरी पंडित बस्तियों के खिलाफ अलगाववादियों के गुरुवार को बंद के आह्वान से पहले घाटी के कई नेताओं को बुधवार को हिरासत में लिया गया या नजरबंद कर दिया गया।
दिल्ली के बच्चे अपने शब्दों को संगीत की धुनों में पिरोकर लोगों के सामने पेश करने के लिए तैयार हैं। इनमें से अधिकतर बच्चे दिल्ली की झुग्गी बस्तियों के हैं। इस तरह के बच्चों का यह तीसरा वार्षिक संगीत कार्यक्रम है।
समाज में हाशिए पर रहने महिलाओं और लड़कियों को भी सशक्त बनाया जा सकता है बशर्तें की खास रणनीति के तहत उन्हें प्रशिक्षित किया जाए। यह बात गैर सरकारी संस्था केयर इंडिया द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण में सामने आया है।
पाकिस्तान के प्रसिद्ध कहानीकार इंतिजार हुसैन ने 2 फरवरी 2016 को इस संसार से विदा ले ली। भारत में पैदा हुए इंतिजार की शिक्षा पहले हापुड़ फिर मेरठ कॉलेज से हुई थी। सन 2012 में सआदत हसन मंटो की जन्मशताब्दी वर्ष के मौके पर पाकिस्तान के नामी अफसानानिगार इंतिजार हुसैन भारत आए थे। विभाजन के बाद वह परिवार के साथ पाकिस्तान चले गए थे। लेकिन उनकी रूह भारत में ही रहती थी। उनकी कहानियों में अलग तरह का दर्शन था। बस्ती, हिंदुस्तान से आखिरी खत उनकी लोकप्रिय कृतियों में से है। तब उन्होंने आउटलुक से ढेर सी बात की थी। उनके साक्षात्कार में उन्होंन बताया था भारत और भारतीयता की समझ को। उनका भारत में दिया गया अंतिम साक्षात्कार
वरिष्ठ कथाकार ‘दूसरा कदम’, ‘उनका जीवन’, ‘कछुए की तरह’, ‘एकत्र’ और ‘भूलने का रास्ता’ जैसे कथा-संग्रहों को मिलाकर अब तक नौ कहानी संग्रह प्रकाशित। मध्यप्रदेश विद्युत मंडल से सेवानिवृत्ति के बाद स्वतंत्र लेखन तथा ‘पहल’ पत्रिका के संपादन में सहयोग।
भूषण कुमार म्यूजिक वीडियो के सुनहरे दौर को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं। भारतीय संगीत में म्यूजिक वीडियो का दौर बहुत ही जल्दी खत्म हो गया था। अब दोबारा इसके दिन फिरने वाले हैं।
फिल्म संगीत की दुनिया के शहजादे राहुल देव बर्मन वास्तविक जिंदगी में भी शहजादे थे। त्रिपुरा के राज परिवार से उनका रिश्ता था। उन पर आई एक नई किताब में इस बारे में जानकारी है।