केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानूनों में बदलाव और सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण के खिलाफ 10 केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों के आज राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर जाने से दिल्ली सहित देश के विभिन्न हिस्सों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। हालांकि, भाजपा समर्थित बीएमएस और एनएफआईटीयू ने इस हड़ताल से दूरी बना ली है।
आज का दिन भारतीय महिला हॉकी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आज हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन के मौके पर भारतीय महिला हॉकी टीम ने ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर लिया। अगले साल ब्राजील के शहर रियो में होने वाले ओलिंपिक खेलों में 1980 के बाद पहली बार भारतीय टीम हिस्सा लेगी।
किसानों से जुड़ी मांगों को लेकर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव की गिरफ्तारी के विरोध में किसान संगठन लामबंद होने लगे हैं।
चार महीने पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ब्रुसेल्स की प्रस्तावित यात्रा को यूरोपीय संघ (ईयू) ने कोई तरजीह नहीं दी थी लेकिन अब उसने भारत-ईयू सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया है। यह सम्मेलन तुर्की में नवंबर में होने वाले जी-20 की बैठक से ठीक पहले या बाद में हो सकता है।
यूरोपीय देश आर्थिक संकट से जूझ रहे यूनान को राहत पैकेज देने पर तैयार हो गए हैं। ब्रसेल्स में करीब 17 घंटे तक चली शिखर वार्ता के बाद यूरोपीय संघ और यूनान के बीच इस मुद्दे पर सहमति बन गई है। पिछले पांच साल में यूनान को मिलने वाला यह तीसरा राहत पैकेज होगा, जिसके साथ कई कठोर शर्ते भी माननी होंगी।
यह कोई लंबे चाकुओं वाली रात (नाईट ऑफ लॉन्ग नाईव्ज) नहीं थी। इस बार यह सबको पता था। यूनान के यूरोजोन से बाहर हो जाने को रोकने के लिए एक समाधान निकाल लिया जाएगा, यह और कुछ नहीं सिर्फ एक भोली भाली सोच थी। जैसे ही यूनान के अनियत मार्क्सवादी वित्त मंत्री यानिस वारूफकिस ने अपना पद छोड़ा तो स्टॉक बाजार और मुद्रा विनीमय केंद्र को समझ में ही नहीं आया कि कैसी प्रतिक्रिया दें, राहत मिलने की या घबराहट या गुस्से और खुशी वाली कि सबसे बुरा दौर खत्म हो गया है।
जहां तक यूनान के मौजूदा संकट का सवाल है, इससे जुड़े मजाक की भी अपनी-अपनी विचारधाराएं हैं। एक प्रचलित चुटकुले का पूंजीवादी संस्करण इस प्रकार है। डच होने की पहचान यह है कि एक रेस्तरां में एक टेबल पर साथ में खाना खाए लोग मिलकर बिल का भुगतान करते हैं जबकि ग्रीक होने का मतलब है खाना खा लेने और शराब पी लेने के बाद जब सभी उठते हैं तो पता चलता है कि बिल देने के लिए किसी के पास पैसे नहीं हैं। इसी लतीफे का समाजवादी संस्करण यह है कि जिन लोगों ने खाने का आर्डर दिया है उन्हें पता चलता है कि उनका खाना रेस्तरां का मालिक खा गया और अब बिल उनको भरना है।