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Search Result : "योग दिवस"

योग गुरू के बोल, ‘भारत पीओके का अविलंब अधिग्रहण करे’

योग गुरू के बोल, ‘भारत पीओके का अविलंब अधिग्रहण करे’

योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि भारत पाक अधिकृत कश्मीर का अविलंब अधिग्रहण कर ले। रामदेव ने पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) को सारे विवाद का जड़ बताया।
किसान मर रहा है और कृष‍ि मंत्री योग में व्यस्त, पीएम का ट्वीट तक नहीं

किसान मर रहा है और कृष‍ि मंत्री योग में व्यस्त, पीएम का ट्वीट तक नहीं

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में पिछले आठ दिनों से किसान सड़कों पर है। अपनी मेहनत की उपज सड़कों पर फेंक रहा है। पुलिस की गोलियां खा रहा है। लेकिन देश के कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह योग में व्यस्त हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप्पी साधे हुए हैं।
राहुल गांधी पर नकवी का व्यंग: ‘3 साल में गीता पढ़ रहे हैं, 15 साल में योग भी करेंगे’

राहुल गांधी पर नकवी का व्यंग: ‘3 साल में गीता पढ़ रहे हैं, 15 साल में योग भी करेंगे’

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के उपनिषद और भगवत गीता पढ़ने के बयान की काफी चर्चा हो रही है। इस पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी तंज कसा है।
विश्व तंबाकू निषेध दिवसः फिक्र के साथ धुएं में जिंदगी भी उड़ती है

विश्व तंबाकू निषेध दिवसः फिक्र के साथ धुएं में जिंदगी भी उड़ती है

हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाले जानते हैं कि धूम्रपान खतरनाक होता है, समस्याओं को हथेली पर तंबाकू के साथ रगड़ने वाले जानते हैं कि इसके सेवन से कष्टप्रद मौत मिलती है। फिर भी इसे तंबाकू सेवन करने वालों की कमी नहीं है। मई की 31 तारीख विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाई जाती है। जागरूकता की हर कोशिश के बाद भी हर दिन धूम्रपान या अन्य तंबाकू उत्पाद के प्रयोग के कारण हर दिन तीस हजार से ज्यादा लोग दम तोड़ देते हैं।
जानिए, योगी सरकार क्यों मनाएगी 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस ?

जानिए, योगी सरकार क्यों मनाएगी 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस ?

रातो रात बड़े फैसले लेने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज एक अहम फैसला लिया है। योगी सरकार ने घोषणा की कि अब हर साल 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस मनाया जाएगा। सरकार ने यह निर्णय इसलिए लिया क्योंकि इसी दिन वर्ष 1950 को यूनाइटेड प्रोविंस का नाम उत्तर प्रदेश किया गया था।
विश्व अस्थमा दिवस: जानिए, पुरुषों से ज्‍यादा महिलाओं को क्‍यों होता है यह रोग

विश्व अस्थमा दिवस: जानिए, पुरुषों से ज्‍यादा महिलाओं को क्‍यों होता है यह रोग

आधुनिक युग में जीवन शैली में बदलाव के बाद कई तरह के रोग मनुष्‍यों में देखे जा रहे हैं। इन्‍हीं में अस्‍थमा एक ऐसा रोग है जो पुरुषों की बजाए महिलाओं को ज्‍यादा परेशान करता है।
मजदूर दिवस: लातेहार के मजदूर प्रधानमंत्री को लौटा रहे हैंं एक रूपया

मजदूर दिवस: लातेहार के मजदूर प्रधानमंत्री को लौटा रहे हैंं एक रूपया

इस बार मजदूर दिवस पर झारखंड के श्रमिक ज्यादा नाराज दिखे। मनरेगा के तहत मिलने वाली राशि में मामूली बढ़ोत्तरी के विरोध में श्रमिकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में मजदूरों ने पीएम मोदी को एक रूपए वापस करने की बात कही है।
अश्विन बोले, 24 अप्रैल को भारतीय क्रिकेट दिवस घोषित कर देना चाहिये

अश्विन बोले, 24 अप्रैल को भारतीय क्रिकेट दिवस घोषित कर देना चाहिये

क्रिकेट के बेताज बादशाह सचिन तेंदुलकर 24 अप्रैल को 44 बरस के हो गए और दुनिया भर से उन्हें बधाई का सिलसिला जारी रहा। तेंदुलकर की पूर्व आईपीएल टीम मुंबई इंडियंस सोमवार शाम उनके जन्मदिन का जश्न मनायेगी।
‘गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मुहैया करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही सरकार’

‘गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मुहैया करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही सरकार’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर कहा कि उनकी सरकार गुणवत्तापूर्ण एवं किफायती स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही।
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष - मलावी की रंजकहीनता विकास को एक चुनौती

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष - मलावी की रंजकहीनता विकास को एक चुनौती

विश्व स्वास्थ्य संगठन 7 अप्रैल को ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ मनाता है। ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ के मौके पर अगर हम विभिन्न देशों के विकास, रहन-सहन और सेहत पर कोई टिप्पणी करें तो उसमें हमें मलावी की रंजकहीनता पर जरुर कुछ जानने की जरुरत है। कैसे यह देश रंजकहीनता की त्रासदी झेल रहा है। विकास के ढेकेदार आधुनिकता के लाख दावे कर लें पर अभी भी इस जहां में कितने लोग ऐसे हैं जो एक सामान्य जीवन को पाने को तरस रहे हैं। पिछले कई सालों में देश-विदेश हर जगह कई ऐसी बीमारियों के बारे में सुनने को मिला, जिसका नाम हमने पहले कभी नहीं सुना था जैसे इबोला, चिकनगुनिया, बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू आदि। इन बीमारियों ने देश-विदेश हर जगह लोगों के बीच अपना पांव पसार लिया है। इन बीमारियों से ग्रसित लोगों की परेशानियों और मृत्यु दर के आंकड़ों को देखकर यह अनुमान लगाया गया कि ये रोग कितने घातक साबित हो रहे हैं। ऐसी बीमारियों से पीड़ित लोग इनके बारे में पूरी जानकारी न होने के कारण या फिर गलत इलाज होने के कारण अपनी जान गंवा बैठते हैं। ऐसा कहा जाना गलत न होगा कि कुछ देशों की खुशहाली पूरे दुनिया की रौनक नहीं कही जा सकती। आज भी कहीं-कहीं मानव समाज में गरीबी, भूख, कुपोषण का घनघोर अंधेरा व्याप्त है। इसी बानगी में आप मलावी की रंजकहीनता को जानेंगे तो आपको निराशा होगी।
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