दुनियाभर में सत्ता प्रतिष्ठानों की तरफ से दिए जाने वाले पुरस्कार हमेशा विवादों में रहे हैं। केंद्र में इस बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद पहली बार देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिये गए हैं। अगर पुरस्कार पाने वालों की फेहरिस्त पर नजर डाली जाए तो ऐसा लगता है कि अपने लोगों को उपकृत करने में भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस से भी आगे चली गई है। इस बार भाजपा सरकार ने अपनी ही पार्टी के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को भारत रत्न दिया तो वाजपेई सरकार में उप प्रधानमंत्री रहे पार्टी नेता लाल कृष्ण आडवाणी को पद्म विभूषण दे डाला। इसी तरह नजर डालें तो पुरस्कार पाने वालों में ज्यादातर भाजपा के करीबी पत्रकार, कलाकार, वैज्ञानिक और नेता हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को मोदी सरकार के जमाने में भारत रत्न मिल रहा है। मोदी सरकार ने वाजपेयी का नाम भारत रत्न के लिए क्यों चुना इस पर कई मत हैं। लेकिन इतना तय है कि मोदी, वाजपेयी की विरासत को आगे बढ़ाने का दावा करते हैं और कई मामलों में तो उनकी नकल भी करने की कोशिश करते हैं। एक ही विचारधारात्मक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खांचे से ढलकर निकलने के बावजूद दोनों के व्यक्तित्व के डिजाइन अलग हैं। देखिए: