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Search Result : "राजनयिक संबंध"

राहील शरीफ ने भारत पर लगाया पाकिस्तान को अस्थिर करने का आरोप

राहील शरीफ ने भारत पर लगाया पाकिस्तान को अस्थिर करने का आरोप

पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ ने भारत पर पाकिस्तान को अस्थिर करने और चीन के साथ 46 अरब डॉलर के आर्थिक गलियारे वाली परियोजना को नकुसान पहुंचाने का आरोप लगाया है।
संबंधों में मजबूती के लिए पीएम ने की सऊदी अरब के शाह से चर्चा

संबंधों में मजबूती के लिए पीएम ने की सऊदी अरब के शाह से चर्चा

सऊदी अरब के साथ संबंधों को नई गति देने के इरादे से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वहां के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज के साथ व्यापार, निवेश बढ़ाने और आतंकवाद की नकेल कसने सहित सामरिक सहयोग का विस्तार करने समेत विभिन्न विषयों पर चर्चा की।
चर्चाः बराक ने दिखाया भारत को रंग | आलोक मेहता

चर्चाः बराक ने दिखाया भारत को रंग | आलोक मेहता

बराक ओबामा और नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन बैठकों के फोटो इस तरह प्रचारित हुए, जैसे उनकी तरह के मित्र दुनिया में नहीं हैं। लेकिन परमाणु सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए नरेंद्र भाई के ‘फ्रेंड’ बराक ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति के रूप में एक बार फिर भारत को पाकिस्तान की श्रेणी में खड़ा कर दिया।
दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति दोषी, विपक्ष ने छेड़ा महाभियोग का अभियान

दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति दोषी, विपक्ष ने छेड़ा महाभियोग का अभियान

दक्षिण अफ्रीका की शीर्ष अदालत ने आज अपने फैसले में कहा कि राष्ट्रपति जैकब जुमा ने अपने निजी घर की मरम्मत कराने और उसे खुबसूरत बनाने के लिए सरकारी खजाने से लिए गए लाखों डॉलर अदा नहीं करने की वजह से संविधान का उल्लंघन किया है जिसके बाद विपक्ष ने सांसत में पड़े जुमा के खिलाफ महाभियोग का अभियान छेड़ दिया।
पाकिस्तान का रॉ अधिकारी को पकड़ने का दावा, भारतीय राजनयिक तलब

पाकिस्तान का रॉ अधिकारी को पकड़ने का दावा, भारतीय राजनयिक तलब

पाकिस्तान ने रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के एक कथित अधिकारी की गतिविधियों के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराने के लिए शुक्रवार को भारतीय उच्चायुक्त गौतम बंबावाले को तलब किया। एक दिन पहले पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने कथित अधिकारी को गिरफ्तार करने का दावा किया था।
चर्चाः पांच कदम आगे, दो कदम पीछे | आलोक मेहता

चर्चाः पांच कदम आगे, दो कदम पीछे | आलोक मेहता

जम्मू-कश्मीर में सरकार बनना हो या पाकिस्तान के साथ संबंध या सूफी सम्मेलन, भाजपा सरकार जोर-शोर से पांच कदम आगे बढ़ाती है। कुछ घंटे या कुछ दिन-सप्ताह बाद उसी पार्टी और सरकार के दो कदम पीछे जाते दिखाई देते हैं। यह लुकाछिपी के खेल जैसा है।
'मोदी, अशोक के बाद दूसरे बड़े शासक’ - प्रो. लोकेश चंद्र

'मोदी, अशोक के बाद दूसरे बड़े शासक’ - प्रो. लोकेश चंद्र

प्रोफेसर लोकेश चंद्र शास्त्रीय यूनानी, लैटिन, चीनी, जापानी, पारसियों की अवेस्ता, पुरानी फारसी और सांस्कृतिक महत्व की अन्य भाषाओं के ज्ञाता हैं। वह संस्कृत, पालि और प्राकृत भाषा के विद्वान हैं। उनके नाम 596 कार्य और पाठ संस्करण हैं। उनमें से तिब्बती-संस्कृत शब्दकोश, तिब्बती साहित्य के इतिहास के लिए सामग्री, तिब्बत का बौद्ध प्रतिमा विज्ञान और 15 खंडों में बौद्ध कला का उनका शब्दकोश जैसी कालजयी कृतियां हैं। उन्होंने बुद्ध और शिव तथा भारत एवं जापान के बीच सांस्कृतिक संगम पर भी लिखा है। फिलहाल वह भारत और चीन के बीच पिछले दो हजार वर्षों के सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर लिख रहे हैं। लाहौर में पंजाब विश्वविद्यालय से सन 1947 में स्नातकोत्तर करने वाले प्रोफेसर चंद्र भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् के अध्यक्ष हैं। साथ ही वह भारतीय संस्कृति की अंतरराष्ट्रीय अकादमी, एशियाई संस्कृतियों के लिए एक प्रमुख अनुसंधान संस्था के मानद निदेशक हैं। वह सन 1974 से 1980 और 1980 से 1986 तक दो अवधियों में लिए राज्यसभा से संसद सदस्य भी रह चुके हैं। प्रोफेसर चंद्र ने आउटलुक की सहायक संपादक आकांक्षा पारे काशिव से देश और प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं पर बात की।
धारा 377 मामला: पांच जजों की पीठ को सौंपी याचिका

धारा 377 मामला: पांच जजों की पीठ को सौंपी याचिका

भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत स्वेच्छा से दो वयस्कों के बीच समलैंगिक यौन संबंध स्थापित करने को अपराध की श्रेणी में रखने संबंधी शीर्ष अदालत के फैसले पर फिर से गौर करने के लिए दायर सुधारात्मक याचिका को आज उच्चतम न्यायालय ने पांच सदस्यीय संविधान पीठ को सौंप दी।
चर्चा: गणतंत्र की रोशनी पर बादल | आलोक मेहता

चर्चा: गणतंत्र की रोशनी पर बादल | आलोक मेहता

भारत में सूरज की पहली किरण अरुणाचल प्रदेश में दिखती है। अरुणाचल और सात पूर्वोत्तर राज्यों की सुंदरता, भोली-भाली जनता की मधुरता, शौर्य और संस्कृति की शक्ति भारत का गौरव बढ़ाती है। सुदूर अरुणाचल प्रदेश में हिंदी का पठन-पाठन और प्रयोग सबको प्रभावित करता है। अपराध संभवतः दुनिया में सबसे कम और जेल केवल प्रादेशिक व्यवस्‍था की दृष्टि से बने और कभी नहीं भरे।
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