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Search Result : "राजनीतिक राणनीतिकार प्रशांत किशोर"

दिखावा है भाजपा और कांग्रेस का दलित प्रेम: मायावती

दिखावा है भाजपा और कांग्रेस का दलित प्रेम: मायावती

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने भाजपा और कांग्रेस पर दलित प्रेम का दिखावा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि दलितों और पिछड़ों को उनका संवैधानिक हक न देने पर आमादा पार्टियों के खिलाफ बसपा को केंद्र और राज्यों में एक राजनीतिक ताकत बनना होगा और साल 2007 की तरह उत्तर प्रदेश में फिर से पूर्ण बहुमत की सरकार बनानी होगी।
बंगाल में राजनीतिक हिंसा में बेघर होते लोग

बंगाल में राजनीतिक हिंसा में बेघर होते लोग

दो चरणों के चुनाव के बाद बंगाल में राजनीतिक हिंसा और विरोधियों को उनके घरों से खदेड़ने का अभियान शुरू हो गया है। बर्दवान, पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुड़ा, पुरुलिया और उत्तर 24 परगना जिलों के सौ से अधिक गांवों से हिंसा की खबरें आई हैं। राजनीतिक दलों के कैडरों-कार्यकर्ताओं के घरों पर हमले, तोड़फोड़, आगजनी के दावे-प्रतिदावे होने लगे हैं। हंगामों में अब तक विभिन्न जिलों से 15 हजार लोगों के खदेड़े जाने और बेघर कर दिए जाने की खबर है।
मेट्रो स्टेशन में लूट: स्टेशन नियंत्रक को चाकू मार 12 लाख रूपये लूटे

मेट्रो स्टेशन में लूट: स्टेशन नियंत्रक को चाकू मार 12 लाख रूपये लूटे

दो अज्ञात बदमाशों ने सोमवार को दिल्ली के एक मेट्रो स्टेशन के नियंत्रण कक्ष में घुसकर स्टेशन नियंत्रक को चाकू मारा और करीब 12 लाख रूपये नकदी के साथ फरार हो गए।
देश में कानूनी जागरूकता के लिए बड़े आंदोलन की जरूरत: प्रशांत भूषण

देश में कानूनी जागरूकता के लिए बड़े आंदोलन की जरूरत: प्रशांत भूषण

देश के जाने-माने अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने कहा है कि देश की न्यायिक व्यवस्था चरमराई हुई है और इसे सुधारने के लिए देश में कानूनी जागरूकता के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता का एक बड़ा आंदोलन चलाना होगा।
शरद यादव की जगह लेंगे नीतीश कुमार

शरद यादव की जगह लेंगे नीतीश कुमार

जनता दल यूनाइटेड के संस्थापक रहे शरद यादव अब पार्टी अध्यक्ष नहीं रहेंगे। लगातार दस साल अध्यक्ष रहे शरद यादव अब पार्टी के संरक्षक के तौर पर जुड़े रहेंगे। जनता दल यूनाइटेड के संविधान के मुताबिक कोई भी व्यक्ति लगातार तीन बार से अधिक अध्यक्ष नहीं रह सकता। इससे पहले पार्टी संविधान में दो बार लगातार अध्यक्ष पद का प्रावधान था लेकिन बाद में संशोधन करके इसे तीन बार कर दिया गया।
पनामा खुलासाः कानूनी रूप से फंसने के आसार कम

पनामा खुलासाः कानूनी रूप से फंसने के आसार कम

पनामा की लॉ फर्म मोसेक फोंसेका से लीक दस्तावेजों के आधार पर टैक्स हेवन में 500 भारतीयों के नाम के खुलासे के साथ यह सवाल प्रमुखता से उठाया जा रहा है कि क्या वाकई इन लोगों के खिलाफ कोई कानूनी मामला बनता है या नहीं। और, अगर होता इस पूरे खुलासे के दो कानूनी पहलू हैं, जिनपर आगे जाकर स्थिति स्पष्ट होगी-पहला यह कि क्या इन भारतीयों ने भारतीय कानून के तहत यानी कानूनी रूप से करोड़ों रुपये के निवेश किए और दूसरा यह कि कानूनी रूप से नहीं फंसने के बावजूद नैतिक आधार पर यह गलत है।
मुकेश अंबानी को राहत, 4जी सेवाएं दे सकेगी रिलायंस जियो

मुकेश अंबानी को राहत, 4जी सेवाएं दे सकेगी रिलायंस जियो

सुप्रीम कोर्ट ने आज मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड को 4जी लाइसेंस प्रदान करने को चुनौती देने वाली एक स्वयंसेवी संगठन की याचिका को खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश टी.एस. ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्वयंसेवी संगठन, सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) की याचिका खारिज कर दी जिसने सरकार द्वारा कंपनी को अपने 4जी स्पेक्ट्रम पर वॉयस सेवा प्रदान करने की मंजूरी देने के फैसले को चुनौती दी थी।
केरल: यूडीएफ पर जोरदार हमले के साथ अच्युतानंदन ने शुरू किया चुनाव प्रचार

केरल: यूडीएफ पर जोरदार हमले के साथ अच्युतानंदन ने शुरू किया चुनाव प्रचार

आगामी 16 मई को होने वाले केरल विधानसभा चुनाव के लिए माकपा के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वी एस अच्युतानंदन ने आज अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर हमला बोलते हुए एलडीएफ की तरफ से चुनाव प्रचार की शुरूआत की।
नारेबाजी के बजाय विकास की बातों को दें तरजीह: हेपतुल्ला

नारेबाजी के बजाय विकास की बातों को दें तरजीह: हेपतुल्ला

भारत माता की जय के नारे पर देवेंद्र फड़णवीस और रामदेव की टिप्पणियों को लेकर बढ़ते विवाद के बीच केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने आज नारेबाजी के बजाय विकास की बातों पर जोर देने की बात कही और आगाह किया कि इस तरह के राजनीतिक भाषण पहले भी देश में गलत चीजों के लिए जिम्मेदार रहे हैं।
राजनीतिक जंग का सबसे अहम मैदान सोशल मीडिया

राजनीतिक जंग का सबसे अहम मैदान सोशल मीडिया

अब राजनीतिक चुनाव सिर्फ सभाओं, जुलूसों, नारेबाजियों और पोस्टरों के जरिये नहीं लड़े जाते हैं। इस जंग का एक और ऐसा मैदान है जो दिखाई तो नहीं देता लेकिन वहां महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस होती है। जनमत बनता है। जंग का यह नया मैदान सोशल मीडिया है। इस नए मैदान की लागत कम है और इसका फल इस मायने में मीठा है कि यह जनता को प्रभावित करने की जबरदस्त क्षमता रखता है। आज लगभग तमाम केंद्रीय मंत्री, सरकार, राज्य सरकारें, छोटे-बड़े नेता, विधायक, सांसद, मंत्रालय और राजनीतिक पार्टियों समेत देश की तमाम प्रभावशाली हस्तियां सोशल मीडिया का प्रयोग कर रही हैं।
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