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हेराल्ड मामले पर सोनिया और राहुल क्यों हुए हैं आक्रामक

हेराल्ड मामले पर सोनिया और राहुल क्यों हुए हैं आक्रामक

नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर सरकार और कांग्रेस के बीच तकरार बढ़ती जा रही है। कांग्रेस के निशाने पर सीधे तौर पर जहां प्रधानमंत्री कार्यालय है वहीं कांग्रेस से जुड़े कई वकील और कानून विशेषज्ञ अलग-अलग तरीके से कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को बचाने में जुटे हुए हैं।
सोनिया-राहुल की पेशी 19 को, कांग्रेस-भाजपा में खिंची तलवारें

सोनिया-राहुल की पेशी 19 को, कांग्रेस-भाजपा में खिंची तलवारें

दिल्ली की एक अदालत ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके पुत्र और कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अन्य को 19 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आज निर्देश दिया। इसके साथ ही अदालत ने आज के लिए उन्हें व्यक्तिगत पेशी से छूट देने की याचिका स्वीकार कर ली।
नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया-राहुल को झटका

नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया-राहुल को झटका

नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया और राहुल गांधी को दिल्ली उच्च न्यायालय में झटका लगा है। हाईकोर्ट ने इस मामले में निचली अदालत द्वारा भेजे गए समन को रद्द करने से इनकार कर दिया है और कांग्रेस के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों को निचली अदालत में व्यक्तिगत पेशी से छूट देने से भी इनकार कर दिया है। दोनों बड़े नेताओं को कल 8 दिसंबर को निचली अदालत में पेश होना है। इस फैसले के आते ही कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।
राहुल गांधी की नागरिकता पर दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज

राहुल गांधी की नागरिकता पर दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज

राहुल गांधी द्वारा कथित तौर पर खुद को ब्रिटिश नागरिक बताए जाने के आरोप के मामले में सीबीआई जांच की मांग करने वाली एक जनहित याचिका को आज उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया।
राहुल की मोदी को चुनौती, 'दोषी हूं तो जेल भेजिए'

राहुल की मोदी को चुनौती, 'दोषी हूं तो जेल भेजिए'

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से अपनी नागरिकता पर उठाए गए सवालों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोल दिया। उन्होंने कहा कि मोदी जी आरोप लगाना बंद कीजिए, अगर मैं गलत हूं तो जांच कराइए और जेल भेजिए।
गायें फिर से पशु हो जाना चाहती हैं !

गायें फिर से पशु हो जाना चाहती हैं !

गाय को पवित्र कब से माना गया और क्यों माना गया, यह व्यापक विवाद और विमर्श का विषय है। इस बात पर भी भयंकर मतभेद है कि प्राचीन सभ्यताएं गोमांस को स्वीकृति देती थीं और भारत के आदिकालीन निवासी अपने खान-पान में उसे शामिल करते थे। आर्ष ग्रंथों में आई उन बातों को भी अब कोई नहीं सुनता है कि किसी जमाने में गौमेध यज्ञ भी हुआ करते थे। अब जब गाय को पवित्र मान कर उसे मां का दर्जा दे ही दिया गया है और उसे आस्था की वस्तु बनाकर आलोचना से परे रख दिया गया है तो उस पर बहस की कोई गुंजाईश रही ही कहां है। अब तो ‘वन्दे धेनुमातरम‘ और ‘जय गोमाता‘ कहो, गोकथा कराओ, गोदूध महोत्सव मनाओ, गोशाला चलाओ, गोमंदिर बनाओ, गोकुल धाम निर्मित करो और गोअनुसंधान एवं गोरक्षा के नाम पर तरह-तरह के संगठन और सेनाएं बनाकर जमकर हंगामा मचाओ। आज गाय के नाम पर सब कुछ जायज है क्योंकि गाय हमारी माता है, गाय की रक्षा करना हमारा धर्म है, यह पुण्य का काम है।
असहिष्णुता पर बोले रघुराम राजन, परस्पर सम्मान जरूरी

असहिष्णुता पर बोले रघुराम राजन, परस्पर सम्मान जरूरी

देश में बढ़ती असहिष्णुता पर चल रही बहस को आगे बढ़ाते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि विचारों के लिए माहौल बेहतर बनाने के वास्ते सहिष्णुता तथा परस्पर सम्मान जरूरी है और किसी समूह विशेष को शारीरिक क्षति पहुंचाने या अपमानजनक शब्द कहने की अनुमति नहीं होनी चाहिए।
उषाकिरण खान की कहानी: राधा नागरि

उषाकिरण खान की कहानी: राधा नागरि

पद्मश्री से सम्मानित हिंदी -मैथिली की चर्चित लेखिका। भामति एक अविस्मरणीय प्रेम कथा के लिए मैथिली का साहित्य अकादमी पुरस्कार। सृजनहार उपन्यास के लिए कुसुमांजलि फाउंडेशन पुरस्कार।
क्‍यों कुलपति बनने के काबिल नहीं हैं सुब्रह़मण्यम स्वामी?

क्‍यों कुलपति बनने के काबिल नहीं हैं सुब्रह़मण्यम स्वामी?

सुब्रह़मण्यम स्वामी को जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद़यालय का कुलपति बनाने की चर्चा इतनी तेजी से शुरू हुई कि प्रायः हर किसी ने इसे सच मान लिया। अकादमिक दुनिया कान लगाकर आहट सुनने लगी। इस पर मीडिया माध्यमों से लेकर बौद्ध‍िक तबके में विमर्श का दौर शुरू हो गया और सुब्रह़मण्यम स्वामी की टिप्पणियां भी सामने आ गई। उन्होंने अपनी योजनाएं भी बता दीं कि वे जेएनयू में किस प्रकार नक्सलियों और ड्रग्स के शिकार लोगों को काबू में करेंगे। यह अपेक्षा भी जता दी कि सरकार उन्हें खुली छूट दे तो वे काम करने को तैयार हैं।
'यह जेएनयू और स्वामी दोनों को प्रताड़ित करने जैसा होगा'

'यह जेएनयू और स्वामी दोनों को प्रताड़ित करने जैसा होगा'

अर्थशास्त्री, लेखक, प्रोफेसर, वरिष्ठ वकील और भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति बनाए जाने की संभावनाओं पर दिन भर सोशल मीडिया पर तीखी बहस जारी रही। मीडिया में आई खबरों के अनुसार मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने इसके लिए स्वामी का नाम प्रस्तावित किया है। हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। इसमें कितनी सच्चाई है यह भी नहीं पता लेकिन दिनभर इसपर तीखी प्रतिक्रियाएं आती रहीं-
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