भारत के राजनीतिक भविष्य का एजेंडा कॉरपोरेट घराने तय कर रहे हैं। इस कारण प्रबंधन कंपनियों या यूं कहें कि कई प्रबंधन गुरुओं की पौ-बारह हो गई है और राजनीतिक दल उनके सामने नतमस्तक दिख रहे हैं।
संसद के कल से शुरू हो रहे बजट सत्र के काफी हंगामेदार रहने के संकेत हैं। सत्र शुरू होने से पहले आज बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने सरकार पर व्यवधान का एजेंडा तय करने का आरोप लगाया जबकि सरकार ने कहा कि वह जेएनयू समेत सभी मुद्दों पर सदन में चर्चा कराने को तैयार है। हालांकि बैठक के बाद उसे सकारात्मक बताते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सभी दल इस पक्ष में थे कि संसद में कामकाज होना चाहिए।
जेएनयू विवाद को लेकर आज आरोप-प्रत्यारोप का दौर उस वक्त तेज हो गया जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि वह राष्ट्रविरोधियों का समर्थन कर रहे हैं और भारत का एक और बंटवारा चाहते हैं। वहीं राहुल ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा बांटने और नफरत फैलाने के एजेंडा पर अमल कर रही है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सांसद सुप्रिया सुले ने मौजूदा राजनीतिक हालात में महिला नेताओं की भूमिका और महिला सशक्तीकरण के मुद्दों पर रखी है अपनी बेबाक राय
राजनीतिज्ञ, किसान, क्रिकेट प्रशासक और लंबे समय तक प्रधानमंत्री पद के दावेदार रहे शरद पवार ने अपनी आत्मकथा, ऑन माई टर्म्स: फ्रॉम द ग्रासरूट्स टू द कॉरीडोर्स ऑफ पावर(प्रकाशक: स्पिकिंग टाइगर) को जारी करते हुए अपना 75वां जन्मदिन मनाया। अपनी बीमारी के बावजूद कभी पूराने कांग्रेसी रहे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के इस मुखिया की जिंदादिली और फुरतीलापन बरकरार है और वह सन्यास लेने का कोई संकेत नहीं देते हैं। दिल्ली में उन्होंने बुला देवी से बातचीत की।
बिहार में चुनावों की तैयारी में जुटे विभिन्न दलों और उम्मीदवारों ने अपने-अपने एजेंडे को जनता के सामने रखने की कवायद शुरू की। भोजपुर के बड़हरा विधानसभा क्षेत्र में मुद्दों, जाति और विकास पर हो रही बातचीत
केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा के एक विवादित बयान से राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई है। उन्होंने एक टेलीविजन इंटरव्यू में कह दिया कि पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम मुस्लिम होने के बावजूद एक राष्ट्रवादी और महान मानववादी थे।
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने हिंदुत्व एजेंडे को लागू करने के मुद्दे पर पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाने की मांग की है। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में स्वामी ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने इतने महत्वपूर्ण विषय पर चार महीने बाद भी कोई जवाब नहीं दिया है।