बीते 17 जनवरी को डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस में एक दंपति से दुर्व्यवहार करने के मामले में आरोपी जदयू विधायक सरफराज आलम को पार्टी से निलंबित कर दिया गया। शनिवार को आलम के निलंबन की पुष्टि करते हुए जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि विधायक का व्यवहार अनुचित था।
पठानकोट आतंकी हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी सलविंदर सिंह को संदेह मुक्त घोषित कर दिया है। एनआईए का कहना है कि सिंह के लाई डिटेक्टर टेस्ट और अन्य जांचों में उनके खिलाफ कुछ भी प्रतिकूल नहीं मिला।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के विशेषज्ञों का दावा है कि मोबाइल टावरों के विद्युत चुंबकीय क्षेत्राें (ईएमएफ) से निकलने वाला विकिरण देश के बच्चों या व्यस्कों के स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव डालते हुए नहीं प्रतीत होते।
भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे ने अपनी वेबसाइट www.vinaysahasrabuddhe.in लॉन्च की है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने इसे लोकार्पित किया।
स्वास्थ्य के अलग-अलग क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए देश के चुनिंदा 43 वैज्ञानिकों को आज दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के सभागार में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
लालू प्रसाद को रविवार को लगातार 9वीं बार राष्ट्रीय जनता दल का अध्यक्ष चुन लिया गया। पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित राजद की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में उन्हें निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित किया गया। इस अवसर पर लालू प्रसाद ने भाजपा और नरेंद्र मोदी की सरकार में देश के सुरक्षित नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार की जीत के बाद अब वह सांप्रदायिक ताकतों को कुचलने और हस्तिनापुर (दिल्ली) से भाजपा को उखाड़ फेकने के लिए देश में धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एकजुट करेंगे।
महाराष्ट्र के जलगांव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष रणनीतिकारों के अलावा संघ से जुड़े आनुषंगिक संगठनों की जब बैठक हो रही थी तो सभी की चिंता भारतीय जनता पार्टी के अंदर उभरे आंतरिक मतभेद को लेकर थी। लेकिन इन चिंताओं से बेखबर संघ प्रमुख मोहन भागवत का एक ही शब्द सब पर भारी पड़ गया कि अपना काम करो चिंता मत करो।
राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव की बेटी डॉ. मीसा भारती भले ही लोकसभा का चुनाव हार गई हों लेकिन राजनीतिक सक्रियता बरकरार है। मीसा जनता के बीच बेहतर संवाद बनाए हुए हैं और भविष्य के लिए रणनीति तैयार कर रही हैं। आने वाले दिनों में मीसा की राजनीतिक भूमिका क्या होगी। इसको लेकर आउटलुक के विशेष संवाददाता ने विस्तार से बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश-
अशोक स्तंभ का जो स्वरुप हमारा राष्ट्रीय चिह्न है, वह अशोक स्तंभ का वास्तविक स्वरुप नहीं है। दरअसल असल अशोक स्तंभ में एक चक्र ऊपर भी था जिसमें 32 तीलियां थीं। जब अशोक स्तंभ को राष्ट्रीय चिह्न के तौर पर अपनाया जा रहा था तब एक सांसद ने इस ओर नेहरू का ध्यान आकृष्ट भी कराया लेकिन उन्होंने इसकी अनदेखी कर दी थी।