उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने देश में मुसलमानों की पहचान और सुरक्षा की समस्याओं के हल के लिए रणनीतियां बनाने की वकालत करते हुए सरकार से इस दिशा में सकारात्मक कार्रवाई करने तथा सबके विकास के लिए नीति बनाने की मांग की थी। अपने भाषण में उपराष्ट्रपति ने नरेंद्र मोदी के नारे सबका साथ सबका विकास की तारीफ की पर इसमें मुसलमानों को भी वाजिब हक के साथ शामिल करने पर जोर दिया था।
'अमिताभ बच्चन की बातों पर न जाएं। गुजरात से जुड़े उनके विज्ञापन झूठे हैं। कुछ दिन बिताओ हमारे गुजरात के देहातों में तो असलियत पता चल जाएगी। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। युवक सड़कों पर बेकार घूम रहे हैं। तलाटी तक की नौकरी के लिए लाखों रुपये की घूस देनी पड़ती है। क्या यही है गुजरात का विकास मॉडल ?’
2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म मुजफ्फरनगर बाकी है काफी चर्चा में रही है। यह फिल्म दंगे के दौरान के हालात और वहां के स्थानीय लोगों की भावनाओं का बखूबी इजहार करती है। फिल्म के जरिये उन तत्वों की तरफ इशारा किया गया है जो मुजफ्फरनगर के हालात के जिम्मेदार हैं। यही वजह है कि इस फिल्म का प्रदर्शन कई संगठनों के गले नहीं उतर रहा है। कई बार फिल्म के प्रदर्शन को बलपूर्वक रोकने की कोशिश की गई। ऐसे ही दमनकारी आक्रमणों के प्रतिरोध में फिल्म की टीम और अन्य कई संगठनों ने मिलकर एक ही दिन पूरे देश में फिल्म का प्रदर्शन किया।
केंद्र सरकार ने सर्कुलर निकाल कर जिस तरह से पत्रकारों को सरकारी अधिकारियों से सीधे मिलने में रोक लगाई है, उस पर प्रेस परिषद से बकायदा पत्र लिख, अपनी चिंता का इजहार किया है
मनोज की कविताओं में समाज के विविध रंग दिखाई पड़ते हैं। परिवार के प्रति चिंता या अपनों की देखरेख की चिंता भी मनोज शब्दों में ऐसे बांधते हैं कि हर किसी को वह दुख साझा लगता है। सन 2008 के प्रतिष्ठित भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार के बाद भारतीय भाषा परिषद से तथापि जीवन नाम से काव्य संग्रह। कविताएं लिखने के अलावा अनुवाद के काम में संलग्न रहते हैं।
राजधानी में शुरू हुई प्राचीन नक्शों की एक अनोखी प्रदर्शनी पृथ्वी के सही भौतिक चित्रण के लिए सदियों से अनवरत जारी मानव की अथक कोशिश को उजागर करेगी। यह प्रदर्शनी भारतीय उपमहाद्वीप के प्रयोगात्मक ब्रह्माण्डीय निरूपण से लेकर भौगोलिक चित्रण की विकास यात्रा को भी रेखांकित करेगी।
मोदी सरकार पर तीखे हमले जारी रखते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मीडिया से कहा, जब आपके विचार सरकार से टकराएंगे तो आपके माइक बंद हो जाएंगे। वह देश को संघ और मोदी से बचाने आए हैं। राहुल ने संघ पर शैक्षिक संस्थाओं पर कब्जा जमाने का भी आरोप लगाया है।
राजनीतिक-आर्थिक-सामाजिक सत्ता क्रम को नियंत्रित करने वाले वर्गों, समूहों, समुदायों और संस्थाओं के इस्तेमाल की भाषा में उनके वर्चस्ववादी पूर्वग्रहों के शब्द-संकेत देखे और व्याख्यायित किए जा सकते हैं। भारत की आजादी के 68 वर्ष बीतने पर हमारे राजनीतिक और सुरक्षा प्रतिष्ठानों के चालू विमर्श में हम ऐसे दो चलताऊ जुमलों की निशानदेही करना चाहेंगे जिनके निहितार्थ हमारी स्वतंत्रता सीमित करने के संदर्भ में गंभीर हैं।