देश में खेलकूद के समक्ष चुनौतियों को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेल एवं खिलाड़ियों के प्रति सकारात्मक माहौल बनाने और रियो ओलंपिक के खिलाडि़यों को प्रोत्साहित करने की जरूरत बताई और कहा कि खेल को हार या जीत की कसौटी पर कसने की बजाए खेल भावना के साथ भारत दुनिया में अपनी पहचान बनाए। प्रधानमंत्री ने खेल मंत्री के रूप में सर्बानंद सोनोवाल के कार्यों की काफी प्रशंसा की।
पांच बार की विश्व चैम्पियन एम.सी. मैरी कॉम की लगातार दूसरे ओलंपिक में जगह बनाने की उम्मीद आज कजाखस्तान के अस्ताना में चल रही एआईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के दूसरे राउंड में हारने से टूट गई। लंदन ओलंपिक 2012 में कांस्य पदक जीतने वाली मैरीकाम (51 किग्रा) दूसरे राउंड में जर्मनी की अजीजे निमानी से 0-2 से पराजित हो गई। वह इस प्रतियोगिता में सेमीफाइनल में पहुंचकर रियो खेलों के लिए कोटा हासिल कर सकती थीं।
इस बार पहलवान सुशील कुमार ने रियो ओलंपिक में 74 किलोग्राम वर्ग में कुश्ती के दांवपेंच आजमाने की चाहत रखे हुए हैं। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। सुशील ने पीएम से मिलने के लिए समय भी मांगा है। सुशील का कहना है कि 74 किलोग्राम वर्ग में उनके और नरसिंह के बीच कुश्ती हो जाए। जो जीतेगा वह ओलंपिक में इस वर्ग में खेलने जाए।
भारतीय कुश्ती महासंघ ने भारतीय ओलंपिक संघ को रियो आेलंपिक के लिए क्वालीफार्इ करने वाले पहलवानों की ज्रो सूची भेजी है उसमें दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार का नाम नहीं है।
सरकार ने आज बताया कि रियो ओलंपिक के लिए भारत का अब तक का सबसे बड़ा दल जाएगा जिसके वास्ते अब तक 90 खिलाड़ी इसमें हिस्सा लेने की पात्रता हासिल कर चुके हैं। रियो ओलंपिक पांच अगस्त से शुरू होने वाला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला जिमनास्ट बनी दीपा करमाकर की तारीफ करते हुए आज कहा कि इस खिलाड़ी ने अपने दृढ़ संकल्प से देश को गौरवान्वित किया है।
सांसदों द्वारा राष्ट्रपति डिल्मा रोसेफ के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई शुरू करने को मंजूरी दिए जाने के साथ ही ब्राजील सोमवार को गहरे राजनीतिक संकट में फंस गया और यह दावा किया जाने लगा कि लातिन अमेरिका के इस सबसे बड़े देश में लोकतंत्र खतरे में है।
अब तक भारत के किसी भी मुक्केबाज ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं किया है। लेकिन इस बार अगर मुक्केबाज इसमें जगह बना भी लेते हैं तो भी अगले महीने के एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर्स तक नए राष्ट्रीय महासंघ का गठन नहीं होने की स्थिति में उन पर इस साल के रियो ओलंपिक खेलों से बाहर रहने का खतरा मंडरा रहा है।