पीवी सिंधु बैडमिंटन में महिलाओं की एकल स्पर्धा में रजत पदक जीतकर खुश हैं। उन्होंने कहा कि देश को स्वर्ण पदक दिलाने के लिए उन्होंने अपना सब कुछ झोंक दिया था।
जब बात अनुशासन की आती है तो भारत के दिग्गज बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद कोई समझौता नहीं करते और यही वजह रही कि उन्होंने पिछले तीन महीने से पी.वी. सिंधु को फोन से दूर रखा और रियो पहुंचने पर इस रजत पदक विजेता शटलर को आईसक्रीम भी नहीं खाने दी।
उसेन बोल्ट ने चार गुणा 400 मीटर में स्वर्ण पदक जीतकर रियो ओलंपिक खेलों में भी अजेय रहकर विदाई ली और इसके साथ खेल महाकुंभ में अपने ओवरआल स्वर्ण पदकों की संख्या नौ पर पहुंचा दी। इससे पहले 100 और 200 मीटर के स्वर्ण पदक जीतने वाले बोल्ट ने जमैका की तरफ से सबसे आखिर में दौड़ लगायी और फिर टीम को सोने का तमगा दिलाया।
रियो ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु को देश का गौरव बताते हुए अभिनेता अमिताभ बच्चन, रजनीकांत, सलमान खान और एआर रहमान सहित कई बॉलीवुड अभिनेताओं ने उन्हें बधाई दी है।
उधर रियो ओलंपिक में भारतीय महिलाएं ओलंपिक रिकॉर्ड बना रही हैं और इधर महिलाओं के आर्थिक विकास के लिए शुरू किए गए भारतीय महिला बैंक का विलय किया जा रहा है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने सहयोगी बैंकों समेत भारतीय महिला बैंक के साथ विलय को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही शेयरों की अदलाबदली का अनुपात भी तय कर दिया है। गौरतलब है कि मनमोहन सिंह सरकार के समय भारतीय महिला बैंक की नींव रखी गई थी। इसके तहत महिलाओं को कामकाज शुरू करने के लिए विभिन्न प्रकार की वित्तिय सहायता योजनाएं भी शुरू की गई थी।
खेल पंचाट के फैसले के बाद रियो ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने का पहलवान नरसिंह यादव सपना टूट गया लेकिन उन्होंने आज कहा कि वह अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।
भारतीय पहलवान नरसिंह यादव की किस्मत ने अचानक से फिर पलटी खाई और खेल पंचाट ने राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी द्वारा उन्हें दी गई क्लीन चिट को खारिज करते हुए उन्हें ओलंपिक से बाहर करने के साथ डोप टेस्ट में नाकाम रहने के कारण उन पर चार साल का प्रतिबंध लगा दिया। विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी : वाडा : ने नाडा द्वारा नरसिंह को दी गई क्लीन चिट के खिलाफ खेल पंचाट में अपील की थी।
ओलंपिक में स्वर्ण, रजत, कांस्य मेडल लाने के लिए खिलाड़ी, खेल प्रशिक्षक ही नहीं हर भारतीय बेताबी से उम्मीद लगाता है। रजत-कांस्य मिलने वाले खिलाड़ियों को सिर-आंखों पर बिठाए सब गौरवान्वित एवं हर्षित हैं। ऐसा भी नहीं है कि ओलंपिक, एशियाड या कॉमनवेल्थ गेम्स में पूरी तैयारी और ऊर्जा से मैदान में अपनी योग्यता प्रदर्शित करने वालों का योगदान कम है।
रियो ओलंंपिक में शुक्रवार का दिन भारत के लिए एक स्वर्णिम अवसर बनकर नहीं आया। देश की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु गोल्ड मेडल नहीं जीत पाई। वह स्पेन की विश्व नंबर वन कैरोलिना मारिन की चुनौती नहीं ध्वस्त कर पाईं। फाइनल में उन्हें मारिन ने तीन गेम तक चले मुकाबले में 21-19, 12-21, 15-21 से हरा कर भारत की उम्मीदों को तोड़ दिया। इस तरह पीवी सिंधु ने सिल्वर मेडल जीत देश को रजत सम्मान दिलाया।
बुधवार को साक्षी मलिक ने महिला कुश्ती में जहां देश को पहला पदक दिलाया वहीं भारत की महिला शटलर पी वी सिंधू ने रक्षा बंधन के दिन पूरे देश को नायाब तोहफा दिया है और महिला बैडमिंटन के फाइनल में पहुंच गई हैं जहां वह गोल्ड मेडल के लिए स्पेन की खिलाड़ी और वर्ल्ड नंबर एक कैरोलीना मरीन से भिड़ेंगीं। फाइनल शुक्रवार की शाम साढ़े सात बजे से खेला जाएगा।