रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को कयासों के अनुकूल मौद्रिक नीति की द्वैमासिक समीक्षा पेश करते हुए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। रेपो रेट बिना बदलाव के 6.50 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 6 फीसदी बरकरार रहेगी। आरबीआई ने सीआरआर में कोई बदलाव नहीं किया है और ये 4 फीसदी पर कायम है। एमएसएफ यानी मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी दर भी 7 फीसदी पर बरकरार है।
भारतीय हॉकी टीम बुधवार को 25वें अजलान शाह कप हॉकी टूर्नामेंट के राउंड रॉबिन मैच में न्यूजीलैंड से 1-2 से हार गई। इस हार से भारत के फाइनल में पहुंचने की उम्मीदों को करारा झटका लगा है।
आरबीआई ने नीतिगत दरों में बदलाव का ऐलान किया है। आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती का ऐलान किया है, इस तरह अब रेपो रेट घटकर 6.50 फीसदी हो गया है। इस 0.25 फीसदी की कटौती से रेपो रेट मार्च 2011 के बाद सबसे निचले स्तर पर आ गया है। लेकिन आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ाकर 5.75 फीसदी करने का ऐलान किया है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आज केंद्रीय बैंक की नीतिगत ब्याज दर अपरिवर्तित रखते हुए संकेत दिया कि मौद्रिक नीति आगे भी नरम रखी जाएगी। उन्होंने कहा है कि मुद्रास्फीति लक्ष्य के करीब पहुंच रही है एेसे में दर कम करने का अवसर मिलेगा ताकि आर्थिक वृद्धि में मदद हो सके।
रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को मुख्य नीतिगत ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया लेकिन कहा कि आगे गुंजाइश होने पर केंद्रीय बैंक इसमें कटौती करने को प्रतिबद्ध है। गवर्नर ने यह भी कहा कि चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति की स्थिति पहले के अनुमान से बेहतर रहने की उम्मीद है।
बाएं हाथ के 37 वर्षीय तेज गेंदबाज जहीर खान ने टेस्ट और एकदिवसीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। लेकिन उन्हें हमेशा इसी बात के लिए याद किया जाएगा कि उन्होंने ही भारतीय गेंदबाजों में विश्वास भरा कि रिवर्स स्विंग पाकिस्तानी गेंदबाजों की बपौती नहीं है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराज राजन ने दिवाली के पहले ही बड़ा तोहफा दिया है। मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए उन्होंने ब्याज दरों (रेपो रेट) में 0.50 फीसदी की कटौती कर दी है। इसी दर पर बैंक आरबीआई से कर्ज लेते हैं।
ऊंची महंगाई दर का हवाला देते हुए रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि इस साल ब्याज दरों में हुई कटौती का पूरा फायदा बैंकों ने ग्राहकों तक नहीं पहुंचाया है।