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आइएएस पोते रव‌ि के गम में दादी भी चल बसीं

आइएएस पोते रव‌ि के गम में दादी भी चल बसीं

कर्नाटक के बेंगलूरू में आइएएस डीके रवि की मौत को उनकी दादी बर्दाश्त नहीं कर पाईं और दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। इस परिवार में कुछ ही दिन के भीतर मौत की यह दूसरी घटना है।
क्या भारत में ईमानदारी की सजा मौत हो गई है

क्या भारत में ईमानदारी की सजा मौत हो गई है

बेंगलूरू में आइएएस अफसर डीके रवि की मौत ने कई सवाल पैदा किये हैं। रवि की छवि एक ईमानदारी अधिकारी की थी। उनकी सख्ती की वजह से रेता और खनन माफिया के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई थीं। माना जा रहा है कि उनकी हत्या के पीछे भी माफिया का हाथ है। इससे पहले भी उत्तर प्रदेश के मंजूनाथ और नरेंद्र कुमार सिंह समेत देश के कई राज्यों में ईमानदार अफसर अपनी जान गंवा चुके हैं। कुछ को अपनी ईमानदारी की वजह से दूसरी मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं। जिस तरह से भारत में भ्रष्टाचार संस्थागत रूप लेता जा रहा है इसने ईमानदार और उसूल वाले लोगों का जीना दूभर कर दिया है।
आइएएस रवि की मौत में सीबीआइ जांच नहीं

आइएएस रवि की मौत में सीबीआइ जांच नहीं

आइएएस अधिकारी डी. के. रवि के पिता ने बुधवार को कहा कि उन्हें अपने बेटे की मौत में गहरी साजिश का अंदेशा है। उन्होंने कहा, ‘लगता है कि वह बिल्डरों के दबाव में जी रहा था।’
रवि की खुदकुशीः अधिकारियों की ईमानदारी का जोखिम

रवि की खुदकुशीः अधिकारियों की ईमानदारी का जोखिम

पहले राजमार्ग ठेकेदारी में धांधली में गई सत्येंद्र दुबे की जान, फिर पेट्रोलियम पदार्थों में मिलावट की साजिश का पर्दाफाश करने वाले मंजूनाथ और अब रेत माफिया की प्रताड़ना से आजिज आकार कर्नाटक के एक और आईएएस अधिकारी डी. के. रवि ने खुदकुशी कर ली।
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