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आवरण कथाः कोचिंग का धंधा, कितना स्याह, कितना सफेद

आवरण कथाः कोचिंग का धंधा, कितना स्याह, कितना सफेद

कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कटक से अटक तक कोचिंग का धंधा औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ पांव पसार चुका है और इस सच से कोई इनकार नहीं कर सकता। बिहार के मूल निवासी पीयूष कुमार गुजरात के अहमदाबाद में बैंक अधिकारी हैं। परिवार में पत्नी के अलावा सिर्फ एक बेटा है जो दसवीं की परीक्षा पास कर चुका है। मगर बेटा और पत्नी उनके साथ नहीं रहते। दोनों राजस्थान के कोटा में हैं जहां बेटा आईआईटी की प्रवेश परीक्षा पास करने के लिए एक नामी कोचिंग सेंटर में तैयारी कर रहा है। एक और उदाहरण देखें:ओडिशा से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुकी श्वेता कुमारी इंजीनियरिंग क्षेत्र में मंदी के कारण बैंक की नौकरी की तैयारी कर रही हैं। सिलीगुड़ी के अपने घर में रहकर उसने परीक्षा दी मगर लिखित परीक्षा की बाधा पार नहीं हो पाई। उसने दिल्ली का रुख किया और यहां एक कोचिंग से बैंकिंग की तैयारी के बाद पहली बार में ही रिजर्व बैंक और बैंक पीओ की लिखित परीक्षा पास कर ली। ये दो उदाहरण देश में कोचिंग के पूर्ण विकसित हो चुके धंधे की कहानी बयां करते हैं। जरा 15 साल पहले का जमाना याद करें जब कोचिंग का मतलब आपके घर में ही आस-पड़ोस के किसी बेरोजगार युवक द्वारा आपके बच्चों को पढ़ाई में थोड़ी-बहुत मदद कर देना होता था। अब अगर बच्चे को डॉक्टर, इंजीनियर, मैनेजर, प्रशासनिक अधिकारी या किसी सरकारी दफ्तर में क्लर्क ही बनना हो तो औपचारिक शिक्षा की डिग्री के साथ-साथ किसी कोचिंग संस्था का मार्गदर्शन होना अनिवार्य है अन्यथा गला काट प्रतिस्पर्धा के इस दौर में उसका पिछड़ना तय है। सीधे शद्ब्रदों में कहें तो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कटक से अटक तक कोचिंग का धंधा औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ पांव पसार चुका है और इस सच से कोई इनकार नहीं कर सकता। साल 2013 में हुए एक आकलन के मुताबिक भारत में कोचिंग इंडस्ट्री लगभग 23.7 अरब डॉलर (160.16 अरब रुपये) की थी, जिसके साल 2015 में 40 अरब डॉलर (270 अरब रुपये) के होने की भविष्यवाणी की गई थी और अगले पांच वर्षों में यह 500 अरब रुपये तक पहुंच सकती है।
पीएम के पहुंचने से पहले रॉक गार्डन निर्माता के बेटे को बाहर किया

पीएम के पहुंचने से पहले रॉक गार्डन निर्माता के बेटे को बाहर किया

चंडीगढ़ के मशहूर राॅक गार्डन के निर्माता दिवंगत नेकचंद के बेटे ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुरक्षा अधिकारियों ने पीएम मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलोंद के वहां पहुंचने से कुछ मिनट पहले उनसे वहां से चले जाने के लिए कहा था।
हरियाणाः कुश्ती जीतने पर मिलेंगे एक करोड़

हरियाणाः कुश्ती जीतने पर मिलेंगे एक करोड़

हरियाणा के खेल एवं युवा मामले मंत्री अनिल विज ने कहा कि 23 मार्च को सरदार भगत सिंह के शहीदी दिवस पर राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन करवाया जाएगा। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विजेता खिलाड़ी को एक करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया जाएगा।
विकलांग मनीष की ख्वाहिश, दाएं हाथ से जहाज खींचकर विश्व रिकार्ड बनाएं

विकलांग मनीष की ख्वाहिश, दाएं हाथ से जहाज खींचकर विश्व रिकार्ड बनाएं

विश्व के नंबर दो विकलांग बांह पहलवान (आर्म रेसलर) मनीष कुमार (36) केवल अपने दाएं हाथ से भोपाल के बड़े तालाब में खाली जहाज को खींचकर एक विश्व रिकार्ड बनाना चाहते हैं। वह वर्ष 2006 और 2012 में क्रमश इंग्लैंड और ब्राजील में हुई विश्व बांह पहलवान (आर्म रेसलर) प्रतियोगिता में शामिल हो चुके हैं। मनीष, जिनके कमर के नीचे का हिस्सा पोलियो के कारण काम नहीं करता है, वर्ष 2012 में राष्ट्रीय स्पर्धा में विकलांग और सामान्य दोनों श्रेणियों में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। वह मध्यप्रदेश के कुश्ती समुदाय के सबसे बड़े सम्मान मध्यप्रदेश केसरी से भी वर्ष 2014 में नवाजे जा चुके हैं।
फरहान का दिल भी आया टीवी पर

फरहान का दिल भी आया टीवी पर

दिल चाहता है फिल्म के निर्देशक और संगीतमय रॉक ऑन और मिल्खा सिंह पर बनी फिल्म के जरिये फरहान अख्तर फिल्म की दुनिया का जाना पहचाना चेहरा बन चुके हैं। अब से हटकर उनकी इच्छा एक काल्पनिक टीवी शो बनाने की है।
गीता गर्ल को सम्मानित करेंगे मुख्यमंत्री

गीता गर्ल को सम्मानित करेंगे मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव श्रीमद्भगवद् गीता को लेकर आयोजित गीता चैम्पियंस लीग में पहला स्थान हासिल करने वाली छात्रा मरियम सिद्दीकी को सम्मानित करेंगे।
इस मुस्लिम बच्ची ने गीता के ज्ञान में सबको पछाड़ा

इस मुस्लिम बच्ची ने गीता के ज्ञान में सबको पछाड़ा

महज बारह साल की एक मुस्लिम लड़की ने मुंबई में भगवत गीता पर आधारित एक प्रतियोगिता जीत कर धर्म के कई ठेकेदारों को आईना दिखाया है। मीरा रोड इलाके के एक स्कूल की छठी कक्षा की छात्रा मरियम आसिफ सिद्दीकी ने प्रतियोगिता में शामिल हुए 4,500 बच्चों के बीच जीत हासिल की।
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