सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि केंद्र सरकार अपनी कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार को जरूरी नहीं कर सकती। मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सामाजिक कल्याण की योजनाओं के लिए आधार को जरूरी नहीं किया जा सकता। लेकिन, इसे गैर-लाभकारी योजनाओं के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
देश के वर्ष 2017-18 के बजट में बच्चों के कल्याण के वास्ते भले ही आवंटन में बढ़ोतरी की गयी हो लेकिन बाल अधिकारों पर काम करने वालों ने बच्चों के कार्यक्रमों के लिए हुई नाममात्र बढ़ोतरी को निराशाजनक करार दिया है। गौरतलब है कि देश की आबादी का 39 प्रतिशत जनसंख्या बच्चों की है।
चीन भारी वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए बीजिंग समेत अपने 20 शहरों की आपातकालीन योजनाओं का मूल्यांकन कर रहा है। इस बीच अधिकारियों की इस बात को लेकर आलोचना हो रही है कि उन्होंने प्रदूषण फैलाने वाले कारखानों के खिलाफ कार्रवाई करने से बचने के लिए रेड अलर्ट जारी नहीं किया।
नववर्ष की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित योजनाओं के बारे में आलोचनाओं के स्वर उठने शुरू हो गये हैं। शिवसेना ने कहा कि घोषणा में शामिल ज्यादातर योजनाएं संप्रग सरकार के कार्यकाल में शुरू की गयी थीं।
सरकार ने लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और डाकखानों के जरिए परिचालित किसान विकास पत्रा जैसी अन्य लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर जनवरी-मार्च तिमाही में अपरिवर्तित रखने का आज निर्णय किया।
सरकार ने आज कहा कि नकदी के बजाए डिजिटल लेन-देन अपनाने से छोटे व्यापारियों की कर देनदारी में 46 प्रतिशत तक कमी आएगी। सरकार ने अनुमानित आय नियमों में बदलाव किया है इससे उन छोटे व्यापारियों की कर देनदारी में कमी आएगी जो डिजिटल भुगतान का विकल्प चुनते हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े संगठन लघु उद्योग भारती ने भी माना है कि नोटबंदी के बाद समूचे देश में छोटे व्यापारी की हालात खराब है। उनके हाथ से कारोबार जा रहा है। वेतन न दे पाने की स्थिति में कर्मचारी नौकरी छोड़कर भाग रहे हैं। सरकार चाहती है कि छोटे कारोबारी रातोंरात कैशलेस पद्धति को फॉलो करें, यह उनके लिए मुश्किल है। नोटबंदी के चलते लघु उद्योगों का उत्पादन 40 से 50 फीसदी कम हो गया है।
मोदी सरकार के हालिया बड़े मूल्य के नोट चलन से बाहर करने के फैसले से कुछ अन्य वर्गों के साथ ही सेक्सवर्कर्स की आजीविका भी बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई है। यह वर्ग भारतीय समाज का वह निचला तबका है जिसे वास्तव में समाज का हिस्सा ही नहीं माना जाता।
राष्टपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि अगर सरकार की स्वच्छ भारत व डिजिटल इंडिया जैसी नवोन्मेषी पहलों का कार्यान्वयन सफलतापूर्वक होता है तो भारत दुनिया में एक आधुनिक आर्थिक शक्ति बनेगा।