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भाजपा का चुनावी चुग्‍गा है यूनिफार्म सिविल कोड

भाजपा का चुनावी चुग्‍गा है यूनिफार्म सिविल कोड

देश को आजाद हुए पैंसठ साल से अधिक का समय हो गया पर भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर अभी तक आम राय नहीं बन पाई है। जब इतने समय पर यह नहीं हो पाया तो भाजपा अब क्‍या सोच समझ कर यूनिफार्म सिविल कोड का ताना-बाना बुनने लगी है। क्‍या छह माह में इसे लागू करने का दम केंद्र की भाजपा सरकार के पास है या यह महज एक चुनावी चुग्‍गा है। जो भाजपा ने यूपी चुनाव से पहले जनता की ओर फेंक दिया है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की तैयारी में मोदी सरकार! विधि आयोग से मांगी राय

यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की तैयारी में मोदी सरकार! विधि आयोग से मांगी राय

यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) पर एक बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने विधि आयोग से इस मुद्दे का अध्ययन करने को कहा है। सरकार के इस पहल को समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है जिससे देश का राजनीतिक तापमान बढ़ने की आशंका है।
ब्रेग्जिट का असर: ब्रिटेन की लेबर पार्टी में संकट, तीन सदस्यों का इस्तीफा

ब्रेग्जिट का असर: ब्रिटेन की लेबर पार्टी में संकट, तीन सदस्यों का इस्तीफा

जेरेमी कोरबीन के अपने विदेश मंत्री को बर्खास्त करने और शैडो कैबिनेट (समानांतर मंत्रिमंडल) के तीन मंत्रियों के इस्तीफा देने के बाद ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी को जबरदस्त बगावत का सामना करना पड़ रहा है। ईयू जनमत संग्रह से इस सोशलिस्ट नेता के निबटने के तरीकों को लेकर पार्टी में गहरा मतभेद उभर आया है।
आरएसएस से जुड़े मजदूर संघ ने भाजपा सरकार की नीतियों को श्रमिक विरोधी बताया

आरएसएस से जुड़े मजदूर संघ ने भाजपा सरकार की नीतियों को श्रमिक विरोधी बताया

भारतीय मजदूर संघ ने अतंरराष्ट्रीय लेबर कॉन्फ्रेंस में भारत सरकार के श्रमिक विरोधी रवैये की कड़ी आलोचना की है। गौरतलब है कि (बीएमएस) को वर्तमान सरकार समर्थक श्रमिक यूनियन माना जाता है क्योंकि इसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ही खड़ा किया है।
मोदी का जादू फेल, सादिक खान लंदन के मेयर बने

मोदी का जादू फेल, सादिक खान लंदन के मेयर बने

देश में मोदी का जादू चल सकता है लेकिन दूर विदेश में उनके नाम पर चुनाव जीतने की एक अदद कोशिश आखिरकार कामयाब नहीं हो पाई। लंदन के मेयर चुनाव में मोदी कार्ड के जरिए चुनाव जीतने की कोशिश को धक्‍का लगा है। मोदी के नाम पर वोट मांगने वाले कंजरवेटिव उम्‍मीदवार जैक गोल्‍डस्मिथ को लेबर पार्टी के सादिक खान के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा है। सादिक लंदन के पहले मुस्लिम मेयर होंगे।
मोदी के नाम पर लड़ रहे हैं लंदन के मेयर का चुनाव

मोदी के नाम पर लड़ रहे हैं लंदन के मेयर का चुनाव

लंदन के मेयर के चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी के उम्मीदवार ने लेबर पार्टी के अपने पाकिस्तानी मूल के प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ ब्रिटिश-भारतीय मतदाताओं को लामबंद करने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का सहारा ले रहे हैं।
विश्वनाथ मंदिर में विदेशियों का साड़ी पहनकर जाना अनिवार्य

विश्वनाथ मंदिर में विदेशियों का साड़ी पहनकर जाना अनिवार्य

वाराणसी में का‌शी विश्वनाथ मंदिर के सुरक्षाकर्मियों को अब एक अतिरिक्त जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी। उन्हें अब महिला श्रद्धालुओं की पोशाक पर नजर रखनी होगा, खासकर विदेशी महिलाओं पर जो बदन दिखाऊ या घुटने से ऊपर वाली छोटे वस्‍त्र पहनकर दर्शन के लिए आ जाती हैं।
कूड़ेदान में डालो कूड़ा, पाओ मुफ्त वाईफाई कोड

कूड़ेदान में डालो कूड़ा, पाओ मुफ्त वाईफाई कोड

क्या हो यदि सार्वजनिक स्थान पर कचरे को निर्धारित जगह यानी डस्टबिन में डाला जाने लगे। कितना अहमकाना सवाल है। जाहिर है सभी जगह साफ-सफाई रहने लगेगी। लेकिन ऐसा कम ही लोग करते हैं। लेकिन यदि सार्वजनिक स्थानों पर डस्टबिन में कचरा फेंकने के एवज में मुफ्त वाईफाई की सुविधा मिलने लगे तो सोच कर देखिए माहौल कैसा हो जाएगा।
आजादी विशेष | निजी कानून से निजात की छटपटाहट

आजादी विशेष | निजी कानून से निजात की छटपटाहट

मुसलमान औरत के दिल में आजादी की तड़प की थाह लेने की जब-जब कोशिश की गई है तो भीतर ज्वालामुखी की तपिश को महसूस किया गया। वे भी यह जताने को बेसब्र हैं कि वे भी मुकम्‍मल आजादी की तलबगार हैं। वे नहीं चाहतीं कि उनके शौहर को एक से अधिक निकाह करने का हक हो। वे तलाक-तलाक-तलाक यानी मुंह जबानी तलाक के खिलाफ हैं।
समान सिविल कोड की राजनीति खत्म कर, मुसलमान औरत को इंसाफ दो

समान सिविल कोड की राजनीति खत्म कर, मुसलमान औरत को इंसाफ दो

मौजूदा सरकार बनने से पहले भारतीय जनता पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में समान सिविल कोड लाने की बात कही गई। इसके चलते इस कोड का जिक्र बार-बार उठता है। लेकिन समान सिविल कोड को लाने की बात करने वालों के असल इरादे कोई नहीं जानता! भारतीय जनता पार्टी या फिर उनकी सरकार ने कभी स्पष्ट भी नहीं किया कि इस कोड के क्या प्रावधान होंगे, इसमें कौन-कौन सी धाराएं इत्यादि शामिल होंगी, किस धर्म के आधार पर समान सिविल कोड के प्रावधान तय कि ए जाएंगे।
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