भारत द्वारा पेरिस जलवायु संधि पर दस्तखत के चंद दिनों बाद शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में पर्यावरण की लिहाज से प्रतिकूल उत्पादों पर अन्य उत्पादों के मुकाबले अलग तरह का कर लगाया जाएगा। ऐसा कर जलवायु परिवर्तन से बचाव आदि से जुड़े कामों के लिए अधिक कोष जुटाया जाएगा।
भारत ने पर्यावरण संरक्षण की अंतरराष्ट्रीय संधि के लिए अपनी स्वीकृति दे दी। निश्चित रूप से भारत में हजारों वर्षों से प्रकृति की देन वन, जल, वायु के प्रति गहरा सम्मान रहा है और उनसे जुड़े देवताओं के नाम लेकर पेड़-पौधे, नदी, पवन की धार्मिक दृष्टि से पूजा-अर्चना होती रही है। लेकिन सरकार और समाज घातक वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार आतिशबाजी के बढ़ते उपयोग को निरंतर अनदेखा कर रहे हैं।
नियंत्रण रेखा के पार लक्षित हमलों को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच वायु सेना प्रमुख अरुप राहा ने आज कहा कि सशस्त्र बल बात नहीं करेंगे बल्कि काम करेंगे। उन्होंने कहा कि बल देश के सामने किसी भी चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं।
हम जिस हवा में सांस लेते हैं उसका भविष्य भयावह है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हाल ही में दिये गये आंकड़े बताते हैं कि वायु प्रदूषण के कारण भारत में 1.4 मिलियन लोग असामयिक मृत्यु को प्राप्त हो रहे हैं, यानि यह हर 23 सेकंड में एक जान ले रहा है। जिस ईंधन का प्रयोग आज हम करते हैं वह 2030 आने तक प्रदूषकों से हवा को इतना जहरीला बना देगा कि आॅक्सीजन किट के बिना जीना और चलना-फिरना लगभग नामुमकिन हो जाएगा।
बंगाल की खाड़ी के ऊपर भारतीय वायु सेना के लापता हुए एएन-32 विमान की तलाश जारी है। तलाशी अभियान की निगरानी के लिए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर चेन्नई पहुंच गए हैं।
भारतीय वायु सेना का एक ट्रांसपोर्ट विमान खराब मौसम के बीच बंगाल की खाड़ी में लापता हो गया है। शुक्रवार को एयरफोर्स का प्लेन AN-32 चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर जा रहा था। सुबह चेन्नई से उड़ान भरी थी और 11.30 बजे इसे पोर्ट ब्लेयर उतरना था। इसमें 29 लोग सवार हैं, जिसमें छह चालक दल के सदस्य हैं।
भारतीयों ने इस क्षण का लंबे समय तक इंतजार किया है। सेनाओं के स्वदेशीकरण में इसे मील का पत्थर कहा जा सकता है। भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों द्वारा विकसित हल्का और कई तरह की भूमिकाएं निभाने में सक्षम लड़ाकू विमान तेजस आज भारतीय वायसेना में शामिल किया जाएगा।
भारत का पहला एकीकृत रक्षा संचार नेटवर्क गुरुवार को दिल्ली में शुरू किया गया। इसकी मदद से थलसेना, वायु सेना, नौसेना और विशेष बल कमान शीघ्र निर्णय लेने की प्रक्रिया के लिए परिस्थिति के अनुसार जानकारी साझा करेंगे।
क्या आपने कभी यह सोचा है कि यातायात पुलिस वालों को बद्दुआ ‘न’ देने पर और असल में इस बात का सामना करने पर कैसा लगता है कि वे लोग किससे गुजर रहे हैं। एक तीन साल की बच्ची ‘हवा बदलो’ के नए विडियो में आपको यही सिखाती है।