नई दिल्ली की निजामुद्दीन दरगाह के सज्जादानशीन समेत दो हिंदुस्तानी उलेमा पाकिस्तान में लापता हैं, जिसके बाद भारत ने इस मामले को पाकिस्तान सरकार के सामने उठाया है।
देश के सबसे बड़े रेलवे स्टेशन नई दिल्ली पर सुविधाओं को लेकर रेलवे ने काफी सारे दावे किए थे। लेकिन इन दावों की अब धीरे-धीरे पोल खुलती जा रही है। यहां की सुविधाओं को लेकर देश के साथ-साथ विदेशी यात्रियों का फीडबैक भी अच्छा नहीं है।
दुनिया भर में आर्थिक क्षेत्र में एक बेहतर निवेश संभावनाओं वाले देश के रूप में अपनी पहचान बना चुके भारत के मामले में एक रोचक तथ्य यह भी है कि यहां प्रत्येक 100 मतदाताओं में से केवल सात ही करदाता हैं। इसके आधार पर कहा जा रहा है कि दुनिया के इस सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में राजकोषीय लेकतंत्र विकसित नहीं हो सका है।
प्रवासी भारतीय सम्मेलन में हिस्सा लेने बेंगलुरु पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने संबोधन में कहा कि विदेशों में भारतीयों की सुरक्षा हमारी टॉप प्रायोरिटी है। हम पासपोर्ट का रंग नहीं खून का रिश्ता देखते हैं।
केंद्र सरकार ने देश में पंजीबद़़ध 33 हजार एनजीओ में से 20 हजार के एफसीआरए लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। अब सिर्फ 13 हजार एनजीओ ही कानूनी तौर पर मान्य होंगे। फारेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट लाइसेंस निरस्त होने का मतलब ये हुआ कि ये एनजीओ अब विदेश से चंदा नहीं ले सकेंगे। यह फैसला होम मिनिस्ट्री ने लिया है। दिसंबर की शुरुआत में ही इन 13 हजार एनजीओ के लाइसेंस ऑनलाइन प्रोसीजर से रिन्यू किए गए थे।
सरकार देश के ढांचागत क्षेत्र के विकास के लिये जरूरी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में वर्ष 2016 में किये गये सुधारों के आधार पर एफडीआई प्रवाह अगले साल भी बेहतर रहने की उम्मीद कर रही है। इस वर्ष जनवरी से सितंबर के दौरान एफडीआई प्रवाह 21 प्रतिशत बढ़कर 32.18 अरब डालर रहा।
पीएम नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के बाद राजधानी दिल्ली स्थित कई देशों के दूतावासों काेे नकदी संकट का सामना करना पड़ रहा है। रूस के बाद नकद निकासी सीमित करने को लेकर कई देशों के दूतावासों ने नाखुशी जताई है। उन्होंने इसे विएना कंवेंशन का गंभीर उल्लंघन बताया है।
चीन की अपनी मुद्रा युआन के वैश्वीकरण की योजना को झटका लगा है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट आई है और उसकी मुद्रा का मूल्य घटा है।
भारत में अप्रैल 2000 से सितंबर, 2016 तक 300 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आया है। इससे पता चलता है कि भारत वैश्विक आर्थिक संकट के बीच सुरक्षित निवेश गंतव्य के रूप में उभरा है। इसमें से करीब 33 प्रतिशत एफडीआई भारत में मॉरीशस के रास्ते आया है। इसके पीछे अहम कारण भारत का मॉरीशस के साथ दोहरा कराधान बचाव करार होने का फायदा उठाना हो सकता है।