फिल्म ‘कहानी-2’ और ‘बेगम जान’ जैसी एक के बाद एक हिट फिल्में देने वालीं बॉलीवुड की बेहतरीन अदाकारा विद्या बालन एक फिर अपने दिसंबर धमाके के साथ फुल इंटरटेनमेंट फिल्म में वापस आ रही हैं।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने मालेगांव धमाका केस में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को जमानत दे दी है। हालांकि, इसी मामले में अभियुक्त लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है।
विद्या बालन के खाते में एक हिट का काफी दिन से सूखा है। बेगम जान को देख कर लगता है कि यह सूखा अभी लंबा चलेगा। दर्जनों कलाकारों, विद्या की बिल्लौरी आंखों और देशभक्ति टाइप माहौल के बावजूद यह फिल्म अंत में लंबी गहरी ऊब के सिवाय कुछ नहीं देती।
भारतीय हिन्दी फिल्म निर्माता और निर्देशक महेश और मुकेश भट्ट ने इस बार श्रीजीत मुखर्जी को उन्हीं की फिल्म 'राजकहिनी' हिंदी में बनाने की जिम्मेदारी दी थी, जो उन्होंने ‘बेगम जान’ बनाकर पूरी कर ली है। बांग्ला भाषा में बनी फिल्म ‘राजकाहिनी’ वर्ष 2015 में रिलीज हुई थी। हिंदी सिनेमा ने इससे पहले भी कई भारतीय भाषाओं की हिट फिल्मों का रिमेक किया है।
अभिनेत्री विद्या बालन का कहना है कि वह दिल्ली विश्वविद्यालय में जो हो रहा है, उसमें कुछ जोड़ना नहीं चाहती हैं, लेकिन महसूस करती हैं कि लोगों को दूसरों की अभिव्यक्ति की आजादी का आदर करना चाहिए।
उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद 21 राज्य इकाइयों ने पहले ही लोढा समिति को पुष्टि कर दी है कि वे सभी सुधारवादी कदमों को लागू करेंगे लेकिन इस बीच पूर्व अध्यक्षों एन श्रीनिवासन और अनुराग ठाकुर ने बेंगलुरू में अनौपचारिक बैठक में हाथ मिलाए।