पदक तक पहुंचने के लिए लंबी तपस्या की है साक्षी ने। साक्षी को अर्सा हो गया अपना मनपंसद खाना खाए। घर लौटकर अब वह आलू के परांठे और कढ़ी चावल खाना चाहती है।
कांस्य पदक के साथ रियो ओलंपिक में भारत के पदक का सूखा खत्म करने वाली भारतीय महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि यह उनके 12 सालों की कड़ी मेहनत का नतीजा है।
रियो ओलंपिक में भारत को पहला तमगा दिलाने वाली साक्षी मलिक के अखाड़े में उतरने के फैसले पर बिरादरी के लोगों का विरोध झेलने वाले उनके पिता सुखबीर मलिक का सीना आज फख्र से चौड़ा है और उन्होंने कहा कि अब उनसे कोई नहीं कहेगा कि लड़कियां पहलवानी करती अच्छी नहीं लगतीं। साक्षी की उपलब्धि अन्य लड़कियों के लिए प्ररेणा बनेगी।
रियो ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारत की महिला पहलवान साक्षी मलिक को हरियाणा सरकार ने 2.5 करोड़ रुपए और सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है। हरियाणा की साक्षी ने किर्गिस्तान की पहलवान एसुलू तिनिवेकोवा को 8-5 से हराकर इतिहास रच दिया। साक्षी इसके साथ ही ओलिंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई। उन्होंने कांस्य पदक उसी तरह जीता जैसे सुशील कुमार ने 2008 में पेइंचिंग ओलिंपिक में जीता था। 2012 लंदन ओलिंपिक में योगेश्वर दत्त ने भी रेपशाज के जरिए कांस्य अपने नाम किया था।
साक्षी मलिक ने महिला कुश्ती की 58 किग्रा स्पर्धा में रेपेचेज के जरिये कांस्य पदक जीतकर आज यहां रियो ओलंपिक खेलों में भारत को पदक तालिका में जगह दिलाई और 11 दिन की मायूसी के बाद भारतीय प्रशंसकों को जश्न मनाने का मौका दिया।
रोहतक सहित प्रदेश के 12 जिलों में धरना लगाए बैठे जाट आंदोलनकारियों एवं राज्य सरकार के बीच आज चंडीगढ़ में प्रस्तावित बातचीत के शुरू होने से पहले इस पर विफलता के बादल मंडरा रहे हैं। बातचीत होगी या नहीं, इसे लेकर संशय की स्थिति है क्योंकि आंदोलनकारियों ने साफ कर दिया है कि सरकार से बातचीत के लिए उन्हें खापों के नेता या अन्य कोई तीसरा पक्ष हरगिज मंजूर नहीं।
अलगाववादियों ने एक महत्वपूर्ण कदम के तहत कश्मीरी पंडितों से घाटी में उनकी वापसी पर चर्चा करने का फैसला किया है। आतंकवाद के चलते 26 साल से भी ज्यादा पहले घाटी छोड़ने को विवश हुए समुदाय को वापस लाने का अलगाववादियों का यह पहला गंभीर प्रयास है।
राजनीति में चेहरे बदल जाते हैं, चरित्र नहीं बदल पा रहा है। इस बार राज्य सभा चुनाव के लिए प्रदेशों से विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा चुने गए कुछ विवादास्पद उम्मीदवारों से यही साबित हो रहा है। विशेष रूप से राजनीति में सबसे हटकर ‘चाल-चरित्र’ का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से पार्टी के लिए समर्पण भाव से काम करने वालों को तकलीफ हो सकती है।
सैनिक कॉलोनियों और कश्मीरी पंडित बस्तियों के खिलाफ अलगाववादियों के गुरुवार को बंद के आह्वान से पहले घाटी के कई नेताओं को बुधवार को हिरासत में लिया गया या नजरबंद कर दिया गया।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के चौथे चरण के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आज मतदान जारी है। शुरुआती चार घंटे में 11 बजे तक 42 फीसद मतदान दर्ज किया गया। इस चरण में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के कई मंत्रियों के भाग्य का फैसला होगा।