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Search Result : "वी किशोर चंद्र देव"

प्रशांत किशोर की आंख 'कारोबार’ पर

प्रशांत किशोर की आंख 'कारोबार’ पर

बात जनवरी 2011 की है। तब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे और राज्य में वाइब्रेंट गुजरात का सफल आयोजन कर विदेशी निवेशकों से लेकर देश के बड़े उद्योगपतियों को भी आकर्षित करते थे। इसी आयोजन में शामिल होने आए संयुक्त राष्ट्र की परियोजना से जुड़े प्रशांत किशोर का पहली बार नरेंद्र मोदी से आमना-सामना हुआ। बिहार के रहने वाले किशोर की मुलाकात कराने में एक आईएएस अधिकारी की बड़ी भूमिका थी। बिहार के रहने वाले गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी ने किशोर की तारीफ के जो पुल बांधे उससे मोदी प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाए।
बागी विधायकों ने जारी किया स्टिंग सीडी, रावत ने बताया झूठा

बागी विधायकों ने जारी किया स्टिंग सीडी, रावत ने बताया झूठा

उत्तराखंड में मचे राजनीतिक घमासान के बीच कांग्रेस के बागी विधायकों ने खरीद-फरोख्त की कोशिश करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग ऑपरेशन की सीडी जारी की है। हालांकि बागी विधायकों और विपक्षी भाजपा के आरोपों का जवाब देते हुए रावत ने स्टिंग को झूठा करार दिया है।
उत्तराखंड में विधायकों की बगावत में रामदेव की भूमिका: कांग्रेस

उत्तराखंड में विधायकों की बगावत में रामदेव की भूमिका: कांग्रेस

उत्तराखंड में जारी राजनीतिक संकट के बीच सत्ताधारी कांग्रेस ने बाबा रामदेव पर भाजपा नेतृत्व के साथ मिलकर राज्य सरकार को गिराने का आरोप लगाया जबकि योग गुरू ने इसका खंडन करते हुए कहा कि राजनीतिक घटनाओं के लिए उनकी बजाय राजनीतिक दलों को जिम्मेदार ठहराया जाया जाना चाहिए।
पंजाब चुनाव को लेकर कांग्रेस में मंथन, मनीष तिवारी को बैठक में नहीं बुलाया

पंजाब चुनाव को लेकर कांग्रेस में मंथन, मनीष तिवारी को बैठक में नहीं बुलाया

पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस रणनीति बनाने में जुट गई है। इसी क्रम में पार्टी ने पंजाब के वरिष्ठ नेताओं से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और चुनाव प्रबंधन के विशेषज्ञ प्रशांत किशोर के साथ मुलाकात की। वहीं पार्टी प्रवक्ता और पूर्व सांसद मनीष तिवारी को बैठक से दूर रखा गया।
चर्चाः समानान्तर राजनीतिक सत्ता की कमाई

चर्चाः समानान्तर राजनीतिक सत्ता की कमाई

विजय पताका लिए सेनापति दो वर्षों की अवधि में तीन सेनाओं के नेतृत्व का दावा कर रहे हैं। ऐसा चमत्कार तो रामायण-महाभारत काल या विक्रमादित्य और सम्राट अशोक के शासनकाल के युद्ध में भी पढ़ने-सुनने को नहीं मिलता। भारतीय लोकतंत्र में नेहरू-इंदिरा गांधी-राजीव गांधी, नरसिंह राव, अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में सत्ता और संगठन के साथ विचारधाराओं के आधार पर जन समर्थन की सफलता-विफलता देखने को मिली। राव-मनमोहन राज और अटलजी की सत्ता के अंतिम दौर में ‘शाइनिंग इंडिया’ से जुड़ी राजनीतिक टीम और पर्दे के पीछे मोटी रकम देकर सर्वेक्षणों एवं विज्ञापनों की एजेंसियों की सहायता ली गई। लेकिन मोदी युग में समानान्तर राजनीतिक सत्ता का एक नया केन्द्र उभरकर आया। भाजपा, आर.एस.एस. एवं इससे संबद्ध विभिन्न संगठनों, स्वामी रामदेव के लाखों समर्थकों, नए-पुराने नेताओं के धुआंधार प्रचार के बावजूद मोदी-भाजपा की सफलता का श्रेय ‘राजनीतिक प्रचार प्रबंधक’ प्रशांत किशोर ने लिया।
'मोदी, अशोक के बाद दूसरे बड़े शासक’ - प्रो. लोकेश चंद्र

'मोदी, अशोक के बाद दूसरे बड़े शासक’ - प्रो. लोकेश चंद्र

प्रोफेसर लोकेश चंद्र शास्त्रीय यूनानी, लैटिन, चीनी, जापानी, पारसियों की अवेस्ता, पुरानी फारसी और सांस्कृतिक महत्व की अन्य भाषाओं के ज्ञाता हैं। वह संस्कृत, पालि और प्राकृत भाषा के विद्वान हैं। उनके नाम 596 कार्य और पाठ संस्करण हैं। उनमें से तिब्बती-संस्कृत शब्दकोश, तिब्बती साहित्य के इतिहास के लिए सामग्री, तिब्बत का बौद्ध प्रतिमा विज्ञान और 15 खंडों में बौद्ध कला का उनका शब्दकोश जैसी कालजयी कृतियां हैं। उन्होंने बुद्ध और शिव तथा भारत एवं जापान के बीच सांस्कृतिक संगम पर भी लिखा है। फिलहाल वह भारत और चीन के बीच पिछले दो हजार वर्षों के सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर लिख रहे हैं। लाहौर में पंजाब विश्वविद्यालय से सन 1947 में स्नातकोत्तर करने वाले प्रोफेसर चंद्र भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् के अध्यक्ष हैं। साथ ही वह भारतीय संस्कृति की अंतरराष्ट्रीय अकादमी, एशियाई संस्कृतियों के लिए एक प्रमुख अनुसंधान संस्था के मानद निदेशक हैं। वह सन 1974 से 1980 और 1980 से 1986 तक दो अवधियों में लिए राज्यसभा से संसद सदस्य भी रह चुके हैं। प्रोफेसर चंद्र ने आउटलुक की सहायक संपादक आकांक्षा पारे काशिव से देश और प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं पर बात की।
किताब लिख बताएंगे प्रशांत, कैसे जीतें चुनाव

किताब लिख बताएंगे प्रशांत, कैसे जीतें चुनाव

नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की भारी चुनावी जीत में प्रमुख रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर अब एक किताब लिखने जा रहे हैं। अपनी पहली किताब में किशोर चुनाव को लेकर अपने अनुभव को साझा करने के साथ ही नेताओं और चुनावों को लेकर भारतीय मतदाताओं की सोच को भी विश्लेषित करेंगे।
जेएनयू का नाम सुभाष चंद्र बोस यूनिवर्सिटी किया जाए :स्वामी

जेएनयू का नाम सुभाष चंद्र बोस यूनिवर्सिटी किया जाए :स्वामी

दिल्ली की जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) का नाम बदलकर सुभाष चन्द्र बोस यूनिवर्सिटी रखने की मांग करते हुये भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रहमण्यम स्वामी ने शनिवार को आरोप लगाया कि वह ऐसे लोगों का अड्डा बनता जा रही है जो देश के खिलाफ साजिश में शामिल है।
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