नववर्ष की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित योजनाओं के बारे में आलोचनाओं के स्वर उठने शुरू हो गये हैं। शिवसेना ने कहा कि घोषणा में शामिल ज्यादातर योजनाएं संप्रग सरकार के कार्यकाल में शुरू की गयी थीं।
बड़े अफसर आकाओं ने ऐलान कर दिया है कि सरकार अब भारतीय मुद्रा रुपये के नगदी खर्च पर सेस के रूप में अतिरिक्त कर वसूलने के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रही है और जल्द निर्णय हो सकता है। संभव है यह कर दो-चार प्रतिशत ही हो। लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि दुनिया में महान भारत अकेला ऐसा देश होगा, जहां ‘नगद नारायण’ को प्रणाम करने के बजाय यथासंभव दूर रखने में अपना कल्याण समझेंगे।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कहा है कि गोहत्या के ज्वलंत मसले पर देश के सभी राज्यों को विश्वास में लिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मुस्लिम शासकों के स्वर्ण युग मुगल शासनकाल में भी गायों की रक्षा की जाती थी। गोहत्या और बीफ तो वैदिक काल से प्रतिबंधित है।