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संकट में माल्या, मनी लांड्रिंग के तहत मामला दर्ज

संकट में माल्या, मनी लांड्रिंग के तहत मामला दर्ज

शराब व्यवसायी विजय माल्या की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। ऋण वसूली न्यायाधिकरण ने कहा कि बैंक कर्ज से जुड़े मामले का निपटान होने तक विजय माल्या डियाजिओ से प्राप्त 7.50 करोड़ डॉलर राशि नहीं निकाल सकते हैं। माल्या को यह पैसा यूनाइटेड स्प्रीट्स लिमिटेड का चेयरमैन पद छोड़ने और कंपनी के कामकाज से अलग होने के समझौते के तहत देने की घोषणा की गई थी।
केजरीवाल ने कहा, पंजाब में सत्ता में आने पर खनन माफिया पर लगाएंगे रोक

केजरीवाल ने कहा, पंजाब में सत्ता में आने पर खनन माफिया पर लगाएंगे रोक

पंजाब में खनन माफिया द्वारा पत्थर काटने वाली इकाइयों के मालिकों से वसूली करने का आरोप लगाते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के समन्वयक अरविन्द केजरीवाल नेघोषणा की कि 2017 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी सत्ता में आने पर 24 घंटे के भीतर समस्या का अंत कर देगी।
भारत में कैंसर दर पहुंची 7.05 प्रतिशत

भारत में कैंसर दर पहुंची 7.05 प्रतिशत

ग्लोबोकैन ने खुलासा किया है कि दुनियाभर में लगातार तेजी से कैंसर के नए मामलों में इजाफा हो रहा है। ग्लोबोकैन का कहना है कि 2008 में प्रकाशित हुए आंकड़ों की तुलना में 7.05 फीसदी नए मामलों में वृद्धि हुई है। भारत में बढते कैंसर के मामले चिंता का विषय है। कैंसर के मुख्यतः कारक वायु व जल प्रदूषण, कीटनाशक, जीवनशैली, डाइट, तंबाकू, शराब और पान मसाला है। दिल का दौरा पड़ने से होने वाली मृत्यु के बाद देश में कैंसर से मौत शीर्ष कारणों में से एक है।
निजी कोचिंग सेंटर शिक्षा का संगठित माफिया

निजी कोचिंग सेंटर शिक्षा का संगठित माफिया

जिसका मन करता है, वह चार कुर्सी-टेबल लगा कर कोचिंग सेंटर खोल लेता है क्योंकि हमारे देश में स्कूल खोलना मुश्किल काम है। स्कूल खोलने के लिए कई औपचारिकताएं होती हैं, जिसे हर कोई पूरा नहीं कर सकता है लेकिन निजी कोचिंग सेंटर के लिए कुछ नहीं करना होता। इसके लिए देश में कोई रेगुलेटरी बोर्ड नहीं। कोचिंग सेंटर्स शिक्षा का रैकेट और संगठित माफिया है। इनके बड़े-बड़े होर्डिंग्स, विज्ञापन छात्रों को आकर्षित करते हैं। शिक्षकों को लगता है कि स्कूल या कॉलेज में क्यों पढ़ाना? वे स्कूल-कॉलेज में वे ट्रिक्स नहीं देते जो कोचिंग सेंटर में देते हैं। कोई नहीं जानता कि देश में कितने कोचिंग इंस्टीट्यूट्स हैं, ये सालाना कितने करोड़ रुपये का कारोबार करते हैं।
रवीन्द्र कालिया की कहानी - काला रजिस्टर

रवीन्द्र कालिया की कहानी - काला रजिस्टर

रवीन्द्र का की ख्याति एक उपन्यासकार, कहानीकार के अलावा बहुत अच्छे चुस्त संपादक के रूप में थी। उन्होंने एक पूरी साहित्य जगत में एक पूरी पीढ़ी खड़ी की। भारतीय ज्ञापनीठ की पत्रिका नया ज्ञानोदय के अलावा वह भारतीय भाषा परिषद की पत्रिका वागर्थ के भी संपादक रहे। 11 नवंबर 1939 को जालंधर में जन्में रवीन्द्र कालिया ने धर्मयुग से अपनी पारी शुरू की थी। उनकी कई कहानियां चर्चित हैं। नौ साल छोटी बीवी, खोटे सिक्के, त्रास ऐसी कहानियां हैं जो पाठकों के दिलो-दिमाग पर हमेशा छाई रहेंगी। पिछले दिनों लंबी बीमारी के बाद इस यशस्वी संपादक ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
अबोहर हत्याकांड: अमित डोडा का समर्पण, मुख्य आरोपी फरार

अबोहर हत्याकांड: अमित डोडा का समर्पण, मुख्य आरोपी फरार

पंजाब के अबोहर में पिछले हफ्ते दो युवकों के हाथ-पैर काटे जाने के मामले में एक आरोपी अमित डोडा ने पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया है, हालांकि इस मामले का मुख्य आरोपी और अमित का चाचा शिवलाल डोडा अब भी फरार है। शिवलाल डोडा शराब कारोबारी और अकाली दल का नेता है।
महंगी शराब के भी शौकीन थे पकड़े गए आईएएस अधिकारी

महंगी शराब के भी शौकीन थे पकड़े गए आईएएस अधिकारी

अपने निजी सहायक के साथ 2.2 लाख रुपये की रिश्वत लेते सीबीआई के शिकंजे में फंसे दिल्ली सरकार के अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण विभाग के प्रधान सचिव संजय प्रताप सिंह और उनकी पत्नी के पास करोड़ों की संपत्ति है।
ब्रिटेन के इस शराब निषिद्ध गांव में दारू बेचेगा ये भारतीय

ब्रिटेन के इस शराब निषिद्ध गांव में दारू बेचेगा ये भारतीय

ब्रिटेन में भारतीय मूल के एक दुकानदार ने वहां पिछले 120 साल से शराब निषिद्ध रहे एक गांव में शराब बेचने की कानूनी जंग जीत ली है। इतिहास रचने वाले कमल शर्मा की दुकान मैरी वेल न्यूज को बोर्नविले में बर्मिंघम सिटी काउंसिल की लाइसेंस संबंधी उप समिति ने शराब बेचने की इजाजत दे दी।
राजनीतिक अस्थिरता ने झारखंड को पीछे धकेला: रघुवर दास

राजनीतिक अस्थिरता ने झारखंड को पीछे धकेला: रघुवर दास

डेढ़ दशक पहले बने झारखंड में पहली बार गैर आदिवासी मुख्यमंत्री ने राज्य की सत्ता संभाली है। बीते वर्षों में यह राज्य घोटालों और राजनीतिक अस्थिरताओं के कारण चर्चा में रहा है। प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण यह राज्य विकास के मामले में लगातार पिछड़ता रहा। करीब नौ महीने के कार्यकाल में रघुवर दास ने राज्य के विकास के लिए कई नई योजनाओं का शुभारंभ किया। उनसे आउटलुक के विशेष संवाददाता कुमार पंकज ने सरकार की योजनाओं और विकास को लेकर विस्तार से बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश:
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