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शोधयात्राः जमीनी ज्ञान की ओर बढ़ते कदम

शोधयात्राः जमीनी ज्ञान की ओर बढ़ते कदम

शरीर के किसी हिस्से से खून बहने पर लोगों का दवा लगाना या डॉक्टर के पास दौड़ना आम है लेकिन नगालैंड के सुदूर गांवों में लोग खून का रिसाव बंद करने के लिए डॉक्टरों के पास नहीं जाते। वे अपने इलाके में उगने वाले एक खास पेड़ की पत्ती तोड़कर घाव पर रख लेते हैं, जिससे कुछ ही देर में खून बहना बंद हो जाता है। सायानग्लाजा नाम के इस पत्ते को यहां डॉक्टर पत्ता भी कहा जाता है।
मेडिकल रिसर्च के लिए अपना ‘मंदिर’ दान कर गए ‘पॉकेट हरक्युलिस’

मेडिकल रिसर्च के लिए अपना ‘मंदिर’ दान कर गए ‘पॉकेट हरक्युलिस’

वे मानव शरीर को ‘मंदिर’ मानते थे। मंदिर की तरह ही अपने शरीर की उन्होंने देखभाल की। 104 साल की उम्र पाई। यहां बात देश के पहले मिस्टर यूनिवर्स मनोहर आइच की हो रही है। रविवार को उनका निधन हो गया। वे अपने ‘मंदिर’ को मेडिकल रिसर्च के लिए दान कर गए। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में उनका ‘मंदिर’ यानी शरीर मेडिकल के विद्यार्थियों के रिसर्च के काम आएगा।
हाथों के लिए कुछ खास

हाथों के लिए कुछ खास

शरीर के बाकी अंगों की बजाय हाथ ज्यादा शुष्क रहते है। कारण यह है कि हाथों की पीछे की त्वचा काफी पतली होती है और इसमें तैलीय ग्रन्थियों भी अपेक्षाकृत कम होती है। घरेलू महिलाओं के हाथ दैनिक कामों के दौरान बार-बार साबुन या डिटरजेंट के संपर्क में आते हैं, जिसकी वजह से हाथों की त्वचा को नुकसान पहुंचता है। वह शुष्क और रूखे हो जाते हैं। चेहरे के साथ-साथ हाथों की खूबसूरती भी बरकरार रहे, इसके लिए कुछ नुस्खे-
दिल्‍ली में डॉ. कलाम के अंतिम दर्शन, उमड़ा जनसैलाब

दिल्‍ली में डॉ. कलाम के अंतिम दर्शन, उमड़ा जनसैलाब

दिल्‍ली लाया गया डॉ. एपीजे कलाम का पार्थिव शरीर। प्रधानमंत्री और राष्‍ट्रपति श्रद्धांजलि देने खुद एयरपोर्ट पहुंचे। राजाजी मार्ग स्थित सरकारी आवास पर डॉ. कलाम के अंतिम दर्शन।
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