महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष रावसाहब दानवे ने अपने बेटे की शाही शादी में करीब 6 से 7 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। मीडिया रिपोर्ट में इसका हवाला दिया गया है। केंद्र की मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद इस तरह की शाही शादी मीडिया में चर्चा का विषय बनी हुई है।
भाजपा ने मंगलवार शाम अपनी तीसरी सूची में 67 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इस सूची में छठे और सातवें चरण के उम्मीदवारों के नाम जारी किए गए हैं। भाजपा अब तक कुल 371 नामों की घोषणा कर चुकी है। अभी उसे 32 उम्मीदवारों की घोषणा और करनी है।
थोड़ी बाधा और बहुत सारे उत्साह के साथ आज 21 मई को आखरी शाही स्नान के साथ एक महीने से उज्जैन में चल रहा सिंहस्थ मेला आज औपचारिक रूप से खत्म हो गया। लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ और तिथि को देखते हुए मेले की व्यवस्थाएं 28 मई तक यथावत रहेंगी। सुबह ग्यारह बजे आम जनता के लिए स्नान घाट खोल दिए गए थे।
वह जमाना गया जब कहा जाता था कि ‘जात न पूछो साधु की’। इस बार सिंहस्थ कुंभ के अवसर पर पवित्र क्षिप्रा में भाजपा नेताओं-मुख्यमंत्री और साधुओं ने ‘दलित’ कोटे के तहत वाल्मीकी घाट पर स्नान किया। वैसे यह समरसता का स्नान था, लेकिन अन्य साधु-संतों और भक्त जनता को बता दिया गया कि दलित साधु-संत की अपनी महत्ता है।
सिंहस्थ कुंभ मे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की अगुवाई में बुधवार को आयोजित सामाजिक समरसता स्नान का स्वरूप पुरानी घोषणा के मुकाबले बदला नजर आया। आयोजन में दलित समुदाय के संतों के साथ अन्य हिन्दू पंथों और संप्रदायों के धर्मगुरू भी शामिल हुए।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ कुंभ के दौरान बुधवार को पहले वाल्मीकि घाट पर दलित साधुओं के साथ स्नान किया फिर बाद में समरसता भोज के तहत भोजन भी ग्रहण किया।
मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में एक माह तक चलने वाले महाकुंभ सिंहस्थ मेले के दूसरे शाही स्नान के दिन सोमवार को दोपहर बाद ओलावृष्टि, भारी बारिश और तेज हवाओं ने लोगों का मजा किरकिरा कर दिया। तेज तूफान औऱ ओलावृष्टि की वजह से विभिन्न घटनाओं में 7 लोग घायल हो गए हैं।
दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के नाम पर पिछले दशकों में राजीनतिक खेल होते रहे हैं, लेकिन भाजपा सहयोगी संगठनों ने इस बार ‘स्नान राजनीति’ का नया रूप पेश कर दिया है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेद्र गिरी महाराज ने आज मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उज्जैन में सिंहस्थ की व्यवस्थाएं ठीक नहीं की गई तो साधु-संतो के सभी अखाड़े आगामी 9 मई को होने वाले दूसरे शाही स्नान का बहिष्कार कर सिंहस्थ से वापस लौट जाएंगे।