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Search Result : "शिक्षा बजट"

आवरण कथाः उच्च शिक्षा की साख पर खतरा

आवरण कथाः उच्च शिक्षा की साख पर खतरा

हाल ही में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश में उच्च शिक्षा के गिरते स्तर को लेकर चिंता प्रकट की मगर साथ ही साथ उन्होंने इस बात पर संतोष भी जताया कि निजी शिक्षा के क्षेत्र में फैलाव से उच्च शिक्षा तक छात्रों की पहुंच बढ़ गई है। आंकड़े दिखाते हैं कि राष्ट्रपति की दोनों ही बातों में दम है। वर्तमान में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 60 फीसदी छात्र निजी संस्थानों से हैं। निजी शिक्षा के प्रसार ने ऊंची शिक्षा तक पहुंच को बढ़ा दिया है लेकिन समय-समय पर सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। संसद की एक समिति ने भी उच्च शिक्षा की दशा पर सवाल उठाए हैं और इसे दुरुस्त करने की सिफारिश की है। हालांकि शिक्षा को लेकर सरकार कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2014-15 के बजट में शिक्षा के बजट को 83 हजार करोड़ रुपये से घटाकर 69 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया और इससे अगले साल के बजट में भी इसमें बढ़ोतरी नहीं की गई।
बजट सत्र की तिथि पर चर्चा के लिए कैबिनेट समिति की बैठक चार फरवरी को

बजट सत्र की तिथि पर चर्चा के लिए कैबिनेट समिति की बैठक चार फरवरी को

गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में संसदीय मामलों पर कैबिनेट समिति की बैठक चार फरवरी को होगी जिसमें संसद के बजट सत्र की तिथियों को अंतिम रूप दिया जायेगा। इस सत्र के दौरान सरकार जीएसटी विधेयक को पारित कराने को उत्सुक है।
बजट में लोकलुभावन नीतियों की बजाय सुधारों पर जोर देंगे जेटली

बजट में लोकलुभावन नीतियों की बजाय सुधारों पर जोर देंगे जेटली

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आगामी वित्त वर्ष में त्वरित वृद्धि के लिए ढांचागत सुधारों को जारी रखने का संकल्प लेते हुए आज कहा कि भारत में 8-9 प्रतिशत वृद्धि दर हासिल करने की क्षमता है तथा उंची वृद्धि दर से ही गरीबी मिट सकती है। उन्होंने संकेत दिया कि आगामी बजट में लोकलुभावन नीतियों के बजाय ढांचागत सुधारों पर ध्यान दिया जाएगा।
तो शुगर की जांच एक रुपये के खर्च में होगी

तो शुगर की जांच एक रुपये के खर्च में होगी

भारत में चिकित्सा शोध की स्थिति हमेशा विकसित देशों के मुकाबले पिछड़ी रही है। कई गंभीर बीमारियां पूरे देश में फैल जाती हैं और उसपर नियंत्रण में खासा समय लग जाता है। ऐसे में देश में चिकित्सा शोध के लिए जिम्मेदार सरकारी विभाग चिकित्सा अनुसंधान विभाग (डीएचआर) एवं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) पर बड़ी जिम्मेदारी आती है। आउटलुक ने आईसीएमआर की उपलब्धियों एवं चुनौतियों के बारे में परिषद की महानिदेशक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन से विस्तृत बातचीत की। पेश हैं अंशः
चर्चाः शिक्षा के मंदिरों में राजनीति| आलोक मेहता

चर्चाः शिक्षा के मंदिरों में राजनीति| आलोक मेहता

हैदराबाद अकेला नहीं है। देश के विभिन्न भागों में शिक्षा के मंदिरों को राजनीतिक अखाड़ा बनाया जा रहा है। हैदराबाद विश्वविद्यालय में दलित छात्र द्वारा की गई आत्महत्या की दुःखद घटना के बाद केंद्र की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेता अपने मंत्रियों के बचाव के साथ घटना पर लीपापोती की कोशिश कर रहे हैं। इस घटना को स्‍थानीय चुनावों से जोड़ा जा रहा है।
मुसलमानों पर अरबों खर्च लेकिन हालात बद से बद्तर

मुसलमानों पर अरबों खर्च लेकिन हालात बद से बद्तर

भारत में सबसे बड़ा अल्पसंख्यक है मुसलमान। मगर सबसे बड़ा यह अल्पसंख्यक संपन्न अल्पसंख्यक नहीं है। उसे 68 साल से लगातार बैसाखियों की जरूरत पड़ती रही है, मगर उसे अक्सर यह बैसाखी या तो टूटी हुई मिली है या मिली ही नहीं। सवा 12 साल पिछले और डेढ़ साल इस सरकार का छोड़ दें तो आजाद भारत करीब 54 साल ऐसे गुजरे हैं जब देश की सत्ता कांग्रेस के हाथों में रही है। सबसे बड़े अल्पसंख्यक मुसलमान को ज्यादातर जो बैसाखी मिली हैं वह इसी कांग्रेस के राज में दी गईं, तो मुसलमान की हालत इतनी खराब क्यों है।
उपेक्षा या नाराजगी

उपेक्षा या नाराजगी

केंद्रीय बजट की तैयारियां शुरू हो गई है और इसमें ग्रामीण भारत की एक महत्वपूर्ण योजना को लेकर खासा मंथन चल रहा है। यह योजना है महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना।
अपने लगाए पौधे की मौत पर इस स्कूल से कट जाता है नाम

अपने लगाए पौधे की मौत पर इस स्कूल से कट जाता है नाम

शिक्षा के नाम पर जकल तरह-तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के सरगूजा जिले के गांव बढ़गई में एक अनूठा स्कूल है। यहां फीस के तौर पर बच्चे के माता-पिता से एक पौधा लगवाया जाता है और उस पौधे की देखरेख का जिम्मा भी उन्ही को दिया जाता है। अगर पौधा सूख जाए या मर जाए तो स्कूल से बच्चे का नाम काट दिया जाता है।
पिछड़ापन दूर करने के लिए आरक्षण जरूरी: मुस्लिम संगठन

पिछड़ापन दूर करने के लिए आरक्षण जरूरी: मुस्लिम संगठन

देश के अहम मुस्लिम संगठनों की प्रतिनिधि संस्था, ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस ए मुशावरत का मानना है कि मुसलमानों के लिए शिक्षा क्षेत्र में आरक्षण की बेहद जरूरत है। मुशावरत ने विभिन्न क्षेत्रों में मुसलमानों के पिछड़ेपन की वजह अब तक की सरकारों की नीतियों को बताया है।
एक से ज्यादा बीवी तो यूपी में नहीं बन पाएंगे उर्दू शिक्षक

एक से ज्यादा बीवी तो यूपी में नहीं बन पाएंगे उर्दू शिक्षक

उत्तर प्रदेश में साढ़े तीन हजार उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। इस संबंध में जारी शासनादेश में एक से ज्यादा शादियां करने वालों को आवेदन के लिए अयोग्य ठहराया गया है। सरकार के इस फैसले का ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने विरोध करते हुए इसे मुसलमानों के शरई अधिकारों का हनन करार दिया है।
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