लोकसभा में एक केंद्रीय मंत्री को उस समय फटकार लगी जब वह बिना अनुमति के ही एक सदस्य को सलाह देने लगे। ऐसे में पूरा विपक्ष एकजुट हो गया और लोकसभा अध्यक्ष को मंत्री को फटकार लगानी पड़ी।
दामिनी कांड के बाद भी महिलाओं से चलती बस में छेड़छाड़ का सिलसिला थमा नहीं है। अब पंजाब में गुंडों से बचाने के लिए मां-बेटी गुहार लगाती रहीं, लेकिन किसी को रहम नहीं आया। कोई मदद के लिए आगे नहीं बढ़ा। आखिरी दम तक जूझने के बाद बस से गिरकर बेटी की मौत, मां बुरी तरह घायल।
लोगों की याद्दाश्त छोटी होती है यह तो अकसर कहा जाता है मगर इतनी भी छोटी नहीं होती की महज दो वर्ष पहले की बातें भूल जाएं। जाहिर है कि लोग भूले नहीं होंगे कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने 2013 में आईपीएल के कमिश्नर का पद क्यों छोड़ा था।
दिल्ली की एक अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के सिलसिले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ मामले में दायर सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर सुनवाई के लिए 22 अप्रैल की तारीख निर्धारित की।
देशभर के आंदोलनकारी संगठनों ने मिलकर एक नया फोरम बनाया है। फोरम का नाम ऑल इंडिया पीपल्स फोरम (एआइपीएफ) रखा गया है। इस फोरम का मुख्य मकसद साम्प्रदायिकता और कॉरपोरेट समर्थक सरकारी नीतियों का विरोध करना है।
पंजाब में कांग्रेस पार्टी फूट से नहीं उबर पा रही है। अमृतसर से सांसद और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा की फूट जगजाहिर है।
क्या कारण है कि जिस आडवाणी ने पहली बार जनसंघ का अध्यक्ष बनने पर 1973 में एक झटके में बलराज मधोक जैसी मजबूत शख्सियत को पार्टी से जड़ से उखाड़ फेंका, 1974 में जयप्रकाश आंदोलन के उड़ते तीर को पार्टी के लिए पकड़ बाद की इमरजेंसी के प्लावन मं सांप्रदायिकता की अस्पृश्यता धोने में गजब की फुर्ती दिखाई, संघ परिवार के संगठनों द्वारा आजादी के वक्त से ईंट-बैठाकर सुलगाए जा रहे बाबरी-मस्जिद रामजन्म भूमि के मसले को गरमाने के अवसरवादी क्षण को 1990 में विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार के संकट में अचूक पहचाना, 1996 में भाजपा की सत्ता के लिए अन्य दलों के साथ जरूरी गठजोड़ बनाने के वास्ते खुद पीछे हटकर वाजपेयी को आगे करने की उस्तादी दिखाई, आज वही अपने नेतृत्व में न सहयोगी गठबंधन को उत्साहित कर पाए न अपनी पार्टी की दूसरी प्रांत के नेताओं को?