भारतीय सेना के कमांडर दलबीर सिंह सुहाग ने अपने पूर्ववर्ती जनरल और वर्तमान केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह पर यह कहते हुए हमला बोला है कि उन्होंने जानबूझकर उनकी पदोन्नति रोकी। यह पहला वाकया है जब किसी पदासीन सेना प्रमुख ने अपने पूर्ववर्ती और वर्तमान केंद्रीय मंत्री के खिलाफ बोला हो। भारतीय थल सेना के मौजूदा प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने जनरल वीके सिंह पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उनके प्रमोशन को जानबूझकर रोका था। उन्होंने कहा कि वीके सिंह ने रहस्यमय तरीके और दुर्भावनापूर्ण इरादे से जानबूझकर उनके प्रमोशन को रोक कर रखा था। सुहाग ने कहा कि वीके सिंह ने यह सजा उन्हें असंगत वजहों से दी थी।
समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव अपने राजनीतिक कुनबे में संतुलन बनाने के दो ही दिन बाद ‘वोट बैंक’ अपने पाले में करने का प्रयास करते नजर आए। एआइएमआइएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का नाम लिये बगैर उन्हें अहसान फरामोश कह दिया। साथ ही उन्होंने चीन, सीमा सुरक्षा, कश्मीर पर केंद्र सरकार को भी कठघरे में खड़ा किया।
भाई-बहन के प्रेम का पर्व रक्षा बंधन आज पूरे धूमधाम से मना। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई बड़े नेताओं को बच्चों ने राखी बांधी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कश्मीर घाटी में अशांति के लिए बुधवार को पीडीपी-भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान ने इस संकट को और बढ़ाया है। चिदंबरम ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पूरी तरह अराजक हो रहे हालात को लेकर वह बेहद चिंतित हैं।
ज्ञानपीठ तथा पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित पंजाबी साहित्यकार प्रोफेसर गुरदयाल सिंह (83) का बठिंडा के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। सोशल मीडिया पर गुरुदयाल सिंह को कुछ इस प्रकार याद किया गया-
पूर्व केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्लाह को मणिपुर, बनवारी लाल पुरोहित को असम और वीपी सिंह बडनोर को पंजाब का राज्यपाल बनाया गया है। जबकि जगदीश मुखी को अंडमान का नया उपराज्यपाल बनाया गया है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह के परिवार की लड़ाई अब खुलकर सामने आ गई है। बसपा प्रमुख मायावती ने इसको दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि उत्तर प्रदेश की शासन-प्रशासन व्यवस्था पर इसका और भी ज़्यादा बुरा असर पड़ेगा।
कभी पंजाब में भारतीय जनता पार्टी का मुख्य चेहरा रहे और अब राज्यसभा से इस्तीफा दे चुके नवजोत सिंह सिद्धू के लिए भविष्य की राह मुश्किल हो गई है। राज्यसभा छोड़ने के तुरंत बाद जो आम आदमी पार्टी सिद्धू को अपने साथ जोड़ने के लिए तैयार थी वो अब पार्टी में उन्हें शामिल करने के लिए किंतु-परंतु कर रही है।