कलम, किताब, चम्मच, प्लेट महिलाओं के लिए हथियार साबित हो सकते हैं। इसके अलावा वे अपनी उंगलियों, मुक्कों और अपने पावों से भी बुरी नजर डालने वाले मजनुओं को ढेर कर सकती हैं।
हरियाणा में हालिया राज्यसभा चुनाव में जी मीडिया समूह के मालिक सुभाष चंद्रा के खिलाफ हार झेलने वाले वरिष्ठ वकील आर.के. आनंद ने कहा है कि उन्हें हराने के लिए आपराधिक साजिश रची गई है और वह इस मामले में एक-दो दिन में एफआईआर दर्ज कराएंगे।
बांग्लादेश पुलिस ने देश की पहली समलैंगिक पत्रिका के संपादक और उनके मित्र की हत्या के मामले में एक संदिग्ध आतंकी की गिरफ्तारी की घोषणा की है। यह गिरफ्तारी ऐसे समय पर की गई है, जब मुस्लिम बहुल इस देश में एक के बाद एक बुद्धिजीवियों, लेखकों और अल्पसंख्यकों की हत्याएं हुई हैं।
बांग्लादेश के दक्षिण पश्चिम में स्थित एक बौद्ध मठ में रहने वाले एक 70 वर्षीय उम्रदराज बौद्ध भिक्षु की कुछ अज्ञात लोगों ने मठ के भीतर हत्या कर दी। सिर्फ एक ही हफ्ते पहले इसी तरह के एक हमले में एक मुस्लिम सूफी प्रचारक की हत्या कर दी गई थी।
पाकिस्तान में शिया समुदाय को निशाना बनाकर की जाने वाली हिंसा और नफरत के खिलाफ पुरजोर आवाज बुलंद करने वाले प्रमुख मानवाधिकार कार्यकर्ता खुर्रम जकी और उनके मित्र की तालिबानी चरमपंथियों ने गोली मारकर हत्या कर दी।
बांग्लादेश के डेली स्टार समाचार पत्र के संपादक और वरिष्ठ पत्रकार महफूज अनम पर देशद्रोह और मानहानि के कई मामले दर्ज कर उनका उत्पीड़न किए जाने पर एडीटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने गहरी चिंता जताई है और इसे प्रेस की आजादी पर हमला बताते हुए इसकी कड़े शब्दों में निंदा की है।
भारत माता की जय विवाद को हवा देते हुए योग गुरू रामदेव ने कहा है कि वह देश के कानून और संविधान का सम्मान करते हैं नहीं तो इस नारे का विरोध करने वाले लाखों लोगों के शीश कलम कर दिये गये होते। उनके इस बयान की विपक्षी दलों ने तीखी आलोचना की है।
कांग्रेस को सोमवार को उस समय शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब उसीके मुखपत्रा ने कश्मीर मामले पर जवाहरलाल नेहरू की नीति की आलोचना की और आरोप लगाया कि सोनिया गांधी के पिता एक फासीवादी सैनिक थे। पार्टी अपने स्थापना दिवस पर सामने आए इस विवाद से असहज स्थिति में आ गई है। हालांकि संपादकीय मंडल के सदस्य और कांग्रेस नेता भूषण पाटिल ने बताया कि पत्रिका के संपादक सुधीर जोशी को बर्खास्त कर दिया गया है।
भारत में मीडिया, जनमत और धारणाएं मैनेज की अपनी काबिलियत से यह सरकार अभिभूत हो गई दिखती है। इतना कि अपनी महान क्षमताओं के कल्पना-लोक में मदोन्मत्त विचरती वह अंतरराष्ट्रीय मीडिया या फिर भारत के लिए दशकों से शूल बने पड़ोसी देश के फौजी प्रतिष्ठान को अपने बड़बोलेपन और धौंस-पट्टी से ही प्रभावित कर लेना चाहती है।