‘एकला चलो’ की राजनीति सत्ता के स्वर्णिम दरवाजे नहीं खोल पाती। इसलिए दशकों तक विचारधारा, मूल्यों और नेतृत्व पर निर्भर रहने वाले प्रमुख राजनीतिक दल-कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी समय के साथ सहयोगी बना और छोड़ रहे हैं।
पंजाब में खनन माफिया द्वारा पत्थर काटने वाली इकाइयों के मालिकों से वसूली करने का आरोप लगाते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के समन्वयक अरविन्द केजरीवाल नेघोषणा की कि 2017 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी सत्ता में आने पर 24 घंटे के भीतर समस्या का अंत कर देगी।
बजट सत्र के दूसरे दिन लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। विपक्ष ने जहां शैक्षणिक संस्थाओं को बर्बाद करने और दलितों के वाजिब हक मारने का आरोप लगाया वहीं सत्ता पक्ष में जेएनयू मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। इस बीच बसपा प्रमुख मायावती और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के बीच तीखी बहस भी हुई।
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को संसद में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर सीधा हमला बोला। ईरानी ने जेएनयू विवाद औऱ रोहित वेमुला के आत्महत्या मामले को लेकर कहा कि सत्ता तो इंदिरा गांधी ने भी खोई थी लेकिन उनके बेटे ने भारत की बर्बादी के नारों का समर्थन नहीं किया था।
सिंहासन के लिए महाभारत और रामायण युग के षडयंत्रों की कहानियां भारत के गौरवशाली इतिहास के साथ सुनाई-पढ़ाई जाती रही हैं। इसलिए अरविंद केजरीवाल और नरेंद्र मोदी को षडयंत्रों की सूचनाओं पर क्या अधिक चिंतित होकर जनता के दरबार में गुहार लगानी चाहिए?
सामान्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया के जरिये जर्मनी में हिटलर के सत्ता में आने और भारत में आपातकाल के ऐतिहासिक घटनाक्रमों का जिक्र करते हुए अभिनेता कमल हासन ने कहा कि हम बोलने की आजादी को हल्के में नहीं ले सकते। साथ ही हासन ने लोकतंत्र में बोलने की आजादी के संरक्षण के लिए सतत निगरानी को जरूरी बताया।
राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव की बेटी डॉ. मीसा भारती भले ही लोकसभा का चुनाव हार गई हों लेकिन राजनीतिक सक्रियता बरकरार है। मीसा जनता के बीच बेहतर संवाद बनाए हुए हैं और भविष्य के लिए रणनीति तैयार कर रही हैं। आने वाले दिनों में मीसा की राजनीतिक भूमिका क्या होगी। इसको लेकर आउटलुक के विशेष संवाददाता ने विस्तार से बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश-
राजस्थान पथ परिवहन निगम के अध्यक्ष और भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी उमराव सालोदिया नेेे अपने साथ भेदभाव से दुखी होकर धर्म परिवर्तन कर लिया और इस्लाम अपना लिया है। अपनी उपेक्षा से दुखी होकर उन्होंने वीआरएस लेने का भी फैसला किया है। 6 महीने बाद रिटायर हो जा रहे सालोदिया ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को पत्र लिखकर चीफ सेक्रेटरी नहीं बनाए जाने पर नाराजगी जाहिर की।