राज्यसभा की आचार समिति ने विभिन्न बैंकों के करोड़ों रुपये का कर्ज नहीं लौटाने के आरोपी विजय माल्या की उच्च सदन की सदस्यता को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने की सिफारिश की है। उच्च सदन में आज पेश आचार समिति की रिपोर्ट में यह सिफारिश की गई है।
राज्यसभा की आचार समिति द्वारा अपने निष्कासन की सिफारिश किए जाने से एक दिन पहले निर्दलीय सांसद और शराब उद्योगपति विजय माल्या ने आज उच्च सदन से इस्तीफा दे दिया। वह 9,400 करोड़ रूपये से अधिक के कर्ज की अदायगी नहीं करने के मामले का सामना कर रहे हैं।
राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सदन की कार्यवाही से अपनी टिप्पणियों को उप सभापति द्वारा हटाए जाने को चुनौती दी है। उन्होंने कार्यवाही से अपनी टिप्पणी को हटाए जाने के फैसले को मनमाना, अनुचित और सदन के नियमों के खिलाफ बताया है।
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य में चल रहे सियासी घमासान को नया मोड़ दे दिया है। राज्य में लागू राष्ट्रपति शासन के खिलाफ कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने निर्देश दिया है कि बहुमत का परीक्षण सदन के पटल पर किया जाए।
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व पूर्व सांसद डॉ. अशोक तंवर ने बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा फतेहाबाद स्थित गोरखपुर परमाणु संयंत्र को लेकर सदन में दी गई जानकारी को झूठी करार देते हुए इसे सदन को गुमराह करने वाला बताया।
महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मुंबई में गिरफ्तार कर लिया है। भुजबल को ईडी ने आज दिन में पूछताछ के लिए बुलाया था और उसी समय संदेह व्यक्त किया जा रहा था कि भुजबल आज गिरफ्तार किए जा सकते हैं।
प्रसिद्ध पत्रकार और राज्यसभा के पूर्व सदस्य कुलदीप नायर ने बहुत पहले यह कानूनी लड़ाई लड़ी थी कि संसद के उच्च सदन में मूलतः संबंधित प्रदेश के नेता को ही चुने जाने का प्रावधान हो। श्री नायर यह लड़ाई जीत नहीं सके, लेकिन विभिन्न प्रदेशों के लोग, प्रादेशिक नेता और कार्यकर्ता बाहरी नेताओं को फूलमालाएं पहनाने और जय-जयकार करने के बाद भी मन से दुःखी और दर्द झेलते रहे। इसलिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर नरेंद्र मोदी द्वारा असम की अनदेखी तथा योजनाओं का क्रियान्वयन न करने के आरोप राजनीतिक होने के बावजूद सही हैं।
ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार ने सोच लिया है कि संसद में विपक्षी दलों के हंगामे के बावजूद जरूरी विधायी कार्य निपटाएगी। इसकी एक बानगी शुक्रवार को लोकसभा में देखने को मिली जब कांग्रेस, वामदलों एवं कुछ अन्य विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बावजूद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने लोकसभा की कार्यवाही स्थगित नहीं की और प्रश्नकाल का संचालन होता रहा।