राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के मुताबिक, देश के निजी अस्पतालों में सीजेरियन डिलीवरी के मामलों की संख्या सरकारी संस्थानों में होने वाली डिलीवरी की संख्या के दोगुने से ज्यादा है।
ब्रिटेन की सरकारी जांच से खुलासा हुआ है कि पूर्व केजीबी एजेंट एलेक्जेंडर लिटविनेंको की हत्या संभवत: रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के आदेश पर ही की गई थी। पूर्व रूसी जासूस लिटविनेंको की नवंबर, 2006 में लंदन के एक अस्पताल में रेडियोधर्मी विषाक्तता से मौत हो गई थी। इस ताजा जांच रिपोर्ट के बाद ब्रिटेन एवं रूस के बीच राजनयिक विवाद पैदा हो गया है।
बिहार सरकार ने आज एक अहम फैसले में राज्य की सभी सेवाओं में महिलाओं के 35 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया।
नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह ने पिछले एक दशक से अपने महल के बिजली बिल का भुगतान नहीं किया है। पूर्व नरेश पर जुर्माने के साथ अब 70,000 डॉलर का बिजली बिल बकाया हो गया है।
देश के अहम मुस्लिम संगठनों की प्रतिनिधि संस्था, ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस ए मुशावरत का मानना है कि मुसलमानों के लिए शिक्षा क्षेत्र में आरक्षण की बेहद जरूरत है। मुशावरत ने विभिन्न क्षेत्रों में मुसलमानों के पिछड़ेपन की वजह अब तक की सरकारों की नीतियों को बताया है।
पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर हुए आतंकी हमले के सिलसिले में पाकिस्तान ने कार्रवाई में तेजी दिखाते हुए आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर छापेमारी की है। खबर है कि इस दौरान जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रऊफ और कई करीबी लोगों को हिरासत में लिया गया है। पठानकोट हमले को लेकर अभी तक पाकिस्तान की तरफ से यह सबसे बड़ी कार्रवाई है। जांच में सहयोग के लिए पाकिस्तान अपने एक जांच दल को भारत भेजने पर भी विचार कर रहा है।
बिहार सरकार की एक वेबसाइट पर इंदिरा गांधी की आलोचना वाले एक लेख ने विवाद खड़ा कर दिया है। सरकारी वोबसाइट पर छपे इस लेख ने विपक्षी भाजपा और उसके सहयोगी दलों को सत्तारूढ़ गठबंधन के दलों को निशाना बनाने का मौका दे दिया है। हालांकि हंगामा खड़ा होने के बाद वह लेख साइट से हटा लिया गया है।
क्रिकेट में सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता देने की लोढ़ा समिति की सिफारिश मान ली गई तो सरकारी खजाने में दस से बारह हजार करोड़ रुपये आ सकते हैं। हालांकि भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष शशांक मनोहर ने समिति की कई सिफारिशों को मानने से इनकार कर दिया है।
केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान सूचना का अधिकार कानून के प्रचार-प्रसार पर सिर्फ 1.67 करोड़ रूपये खर्च किए जो पिछले वर्ष की तुलना में 80 प्रतिशत कम है। यह वर्ष 2008-09 के बाद आरटीआई के प्रचार पर खर्च हुई सबसे कम राशि है।