जम्मू कश्मीर के श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित पंपोर इलाके में सेना और आतंकियों के बीच सोमवार को तीसरे दिन भी मुठभेड़ जारी है। इलाके के एक सरकारी इमारत में छिपे आतंकियों का मुकाबला कर रही सेना ने कहा है कि उसे इन आतंकवादियों का सफाया करने की कोई जल्दबाजी नहीं है ताकि सुरक्षाबलों को और नुकसान न हो।
फंसे कर्ज (एनपीए) से बुरी तरह प्रभावित बैंक आफ बड़ौदा, बैंक आफ इंडिया और आईडीबीआई बैंक समेत सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख बैंकों को अब तक का सबसे बड़ा 12,000 करोड़ रुपये का कुल तिमाही नुकसान हुआ जबकि एसबीआई, पीएनबी और केनरा के मुनाफे में भारी गिरावट दर्ज हुई।
ओबामा प्रशासन ने शनिवार को कहा कि उसने पाकिस्तान को लगभग 70 करोड़ डॉलर कीमत के आठ एफ-16 लड़ाकू विमान बेचने का फैसला किया है। परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम इन लड़ाकू विमानों की बिक्री के प्रस्ताव को रिपब्लिकनों के नियंत्रण वाली कांग्रेस में अवरोध का सामना करना पड़ सकता है।
दलाल पथ स्थित बंबई शेयर बाजार में आज उस समय हाहाकार मच गया जब भारी गिरावट दर्ज करते हुए सेंसेक्स 807.07 अंक टूटकर 23,000 अंक के स्तर से नीचे आ गया। सेंसेक्स का यह पिछले 21 महीने का निचला स्तर होने के साथ ही छह महीने की सबसे बड़ी गिरावट है। आज की गिरावट से निवेशकों के 3 लाख करोड़ रुपये डूब गए।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सम-विषम योजना फिर शुरू हो सकती है। बताया जा रहा है कि योजना की दूसरी पारी के तारीखों की घोषणा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुरुवार को कर सकते हैं।
उत्तर कोरिया ने रविवार को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय जगत को हैरत में डालते हुए नाराज कर दिया। उत्तर कोरिया ने एक सरकारी समाचार एजेंसी के जरिये ऐलान किया कि उसने रॉकेट प्रक्षेपण के जरिए एक उपग्रह को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया है। उत्तर कोरिया के रॉकेट प्रक्षेपण की निंदा बैलिस्टक मिसाइल के परीक्षण के तौर पर की जा रही है, जिसकी जद में अमेरिका आता है।
वरिष्ठ नौकरशाह अमिताभ कांत का मानना है कि भारत जैसे लोकतंत्र में अगर कुछ लोग चाहते हों तो उन्हें बीफ सेवन की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंसद की आजादी होनी चाहिए।
‘मेरी छतरी के नीचे आ जा’ और ‘नहीं भूलेंगे यह बरसात की रात’ जैसे गीत सिनेमा के पर्दे और रेडियो पर मन मोह लेते हैं। प्रेम-विरह में भी बरसात, पहाड़, रेगिस्तान के दृश्य दिल-दिमाग को द्रवित करते हैं।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दूसरे कार्यकाल में ब्लॉक आवंटित होने के बाद भी कई तरह की मंजूरी से परेशान परियोजना बीच में ही छोड़ कर चली गईं कई गैस खनन कंपनियां