सर्वोच्च न्यायालय ने आज केन्द्र सरकार को एक निर्देश जारी कर कहा कि केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक पद पर दो साल के लिए करनाल सिंह की नियुक्ति की नई अधिसूचना जारी करें।सात दिनों के अंदर नई अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया गया है।
सर्वोच्च न्यायालय ने आज देश के विभिन्न हिस्सों में हो रही किसानों की आत्महत्याओं के पीछे मुख्य कारणों का पता लगाने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों से जवाब तलब किया।
सर्वोच्च न्यायालय ने आज बीफ बैन करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। यह याचिका देशभर में बीफ को प्रतिबंधित करने के लिए लेकर दायर की गई थी।
सर्वोच्च न्यायालय ने आज केंद्र को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के लिए एक सप्ताह के भीतर महानिदेशक नियुक्त करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने केंद्र से इस मानवाधिकार संस्था के सदस्यों को भी चार सप्ताह के भीतर नियुक्त करने के लिए कहा।
सर्वोच्च न्यायालय ने आज मादक पदार्थों की तस्करी और उसके धंधे पर रोक लगाने के लिए कानून अथवा नियम बनाने की मांग कर रही एक याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति जे एस खेहर, न्यायमूर्ति एन वी रमना एवं न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह से तीन सप्ताह में जवाब देने को कहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने विज्ञान और इंजीनियरिंग पेशेवरों को दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मान के लिए चार भारतीय-अमेरिकियों को चुना है। यह सम्मान पेशेवरों को उनके शोध करियर के शुरूआती चरणों में दिया जाता है जो नवाचार के जरिए अमेरिका को एक कदम आगे रखने में मदद देते हैं।
न्यायाधीशों की नियुक्ति से जुड़े विवादित राष्टीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) कानून को निरस्त करने वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ का नेतृत्व कर चुके न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर ने आज भारत के 44वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की।
देश के निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने आज एक बार फिर लंबित मामलों की बढती संख्या के बीच न्यायाधीशों की कमी पर चिंता जताई और न्यायपालिका से भविष्य में चुनौतियों के लिए तैयार रहने का आह्वान किया ताकि यह सुनिश्चित हो कि राष्ट्र एक समग्र समाज बना रहे।
पूर्व मुख्यमंत्राी जयललिता की मृत्यु की परिस्थितियों पर सन्देह व्यक्त करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने संकेत दिया है कि वह शव को समाधि से निकालने का आदेश दे सकते हैं। उन्होंने उस याचिका की सुनवाई के दौरान यह संकेत दिया जिसमें इस मामले की जांच किसी जांच आयोग या तथ्य अन्वेषण समिति से करवाने का अनुरोध किया गया है। दो सदस्यीय अवकाश पीठ का नेतृत्व कर रहे न्यायमूर्ति एस वैद्यनाथन ने कहा कि जनता को पता होना चाहिए कि क्या हुआ।