Advertisement

Search Result : "सांसद असदुद्दीन ओवैसी"

सीबीआई छापे पर शत्रुघ्न ने उठाए सवाल

सीबीआई छापे पर शत्रुघ्न ने उठाए सवाल

पार्टी के रुख से अकसर अलग विचार रखने वाले भाजपा के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रधान सचिव के दफ्तर पर सीबीआई के छापे के समय को लेकर सवाल उठाया है और साथ ही हैरानी भी जताई है कि तलाशियों के लिए सलाह किसने दी।
ओवैसी की निगाह पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर

ओवैसी की निगाह पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर दंगों के बाद मुसलमानों में पैदा हुई असुरक्षा का फायदा कई राजनीतिक दल उठाना चाहते हैं। इसी के मद्देनजर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तहादुल मुस्लिमीन (आईएमआईएम) ने भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपनी पैठ मजबूत करनी शुरू कर दी है। प्रदेश के आने वाले विधानसभा चुनावों में इस दफा आईएमआईएम पूरी ताकत के साथ उतरने की तैयारी कर रही है। आईएमआईएम ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पुख्ता तैयारियों को लेकर बिगुल फूंक दिया है।
तालिबान को पाकिस्तान से मिल रही है हर मददः अमेरिका

तालिबान को पाकिस्तान से मिल रही है हर मददः अमेरिका

पेंटागन के एक पूर्व शीर्ष अधिकारी ने सांसदों को बताया है कि अफगानिस्तान में सिलसिलेवार आतंकी हमलों को अंजाम देने वाले तालिबान को पाकिस्तान से धन और साजो सामान का सहयोग मिलता रहा है। वहीं एक शीर्ष अमेरिकी सांसद ने कहा है कि हमें शेष सैन्य पैकेज का इस्तेमाल कुछ इस तरह करना चाहिए ताकि पाकिस्तान, अफगानिस्तान सरकार और सुरक्षा बलों के खिलाफ काम करने के बजाय आतंकवाद की पनाहगाहों के खिलाफ कार्रवाई करने पर विवश हो।
गृहमंत्री पर माकपा सांसद के ‘गंभीर आरोप’, लोकसभा स्‍थागित

गृहमंत्री पर माकपा सांसद के ‘गंभीर आरोप’, लोकसभा स्‍थागित

माकपा सांसद मोहम्मद सलीम ने सोमवार को असहिष्‍णुता पर चल रही चर्चा के दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह के प्रकाशित कथित बयान का उल्लेख किया, जिस पर सत्तापक्ष के भारी हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही स्‍थगित करनी पड़ गई।
यूपी चुनाव की तैयारी में जुटे ओवैसी के कार्यकर्ता

यूपी चुनाव की तैयारी में जुटे ओवैसी के कार्यकर्ता

सांसद असदउद्दीन औवेसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लमीन (एआईएमआईएम) उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर मैदान में कमर कसे हुए है। हालांकि बीते एक वर्ष से इनके कार्यकर्ता उत्तर प्रदेश के गांव-गांव में कड़ी मेहनत कर रहे हैं लेकिन अब ये अपनी मांगों को लेकर ये आंदोलनरत हो गए हैं।
छात्रसंघ विवाद: आदित्यनाथ को इलाहाबाद में घुसने से रोका

छात्रसंघ विवाद: आदित्यनाथ को इलाहाबाद में घुसने से रोका

इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के कार्यक्रम में आमंत्रित किए गए भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ को आज इलाहाबाद में प्रवेश लेने से रोक दिया गया। अधिकारियों का दावा है कि इस समारोह के लिए अनुमति नहीं ली गई थी।
चुनाव में अपने अमर्यादित दावों के लिए पप्पू यादव ने मांगी माफी

चुनाव में अपने अमर्यादित दावों के लिए पप्पू यादव ने मांगी माफी

बिहार के मधेपुरा से सांसद और जनाधिकार पार्टी (जेएपी) के प्रमुख राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आज उन अमर्यादित दावों के लिए माफी मांगी है, जिनमें उन्होंने कहा था कि यदि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के दोनों बेटे बिहार विधानसभा का चुनाव जीत जाते हैं तो वह (पप्पू यादव) राजनीति छोड़ देंगे।
एफबीआई लैब: जहर से नहीं हुई थी सुनंदा की मौत

एफबीआई लैब: जहर से नहीं हुई थी सुनंदा की मौत

कांग्रेस सांसद शशि थरुर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में एफबीआई जांच रिपोर्ट में आज एक नया खुलासा सामने आया है। अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट से पता चला है कि सुनंदा की मौत किसी प्रकार के जहर से नहीं हुई थी।
बोलीं तृणमूल सांसद मुनमुन सेन, मोदी को वक्त दो

बोलीं तृणमूल सांसद मुनमुन सेन, मोदी को वक्त दो

तृणमूल कांग्रेस की सांसद मुनमुन सेन द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर की गई टिप्पणी से पार्टी ने दूरी बनाते हुए इसे उनका निजी विचार बताया। तृणमूल के राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने एक बयान में कहा, मेरी सहयोगी मुनमुन सेन द्वारा की गई टिप्पणी उनका निजी विचार है, पार्टी का नहीं।
‘रोटी कमाने वाले कायम रहें’

‘रोटी कमाने वाले कायम रहें’

जिसे जिसका मांस खाना हो खाए, कोई गाय को माता माने या न माने, कोई बार-बार विदेश जाकर भारत की जैसी मर्जी महिमा मंडन करे, कोई किसी को मुल्ला कहे या पाकिस्तानी। मुसलमानों के एक बहुत बड़े वर्ग को इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता। ये मध्य और निम्न मध्य वर्ग के वे मुसलमान हैं जो दंगों की लपटों में झुलस जाते हैं। इस वर्ग को मतलब है तो सिर्फ इस बात से कि इन्हें दो जून की रोटी मिलती रहे और रोटी कमाने वाले कायम रहें। ये अपने गांव में रहते रहें क्योंकि दूसरी किसी जगह पर ठिकाना नहीं है। इन्हें रहने के लिए गांव छोडक़र कैंपों में न जाना पड़े। यही इनकी सबसे बड़ी फिक्र है।