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Search Result : "साहित्य मंच"

वैवाहिक वेबसाइटों को करना होगा अपने उपयोगकर्ताओं का सत्यापन

वैवाहिक वेबसाइटों को करना होगा अपने उपयोगकर्ताओं का सत्यापन

वैवाहिक वेबसाइटों के दुरूपयोग पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने आज एक अहम फैसला करते हुए ऐसी वेबसाइटों को पहचान पत्रों और पते के सबूतों से उपयोगकर्ताओं का सत्यापन करने के लिए कहा है। साथ ही सरकार ने नए नियमों में वेबसाइटों से कहा है कि वह अश्लील सामग्री डालने पर रोक लगाएं और साइटों को डेटिंग का मंच न बनने दें।
ई कॉमर्स, खाद्य प्रसंस्करण में एफडीआई के विरोध में स्वदेशी जागरण मंच

ई कॉमर्स, खाद्य प्रसंस्करण में एफडीआई के विरोध में स्वदेशी जागरण मंच

कुछ आर्थिक निर्णयों को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंच ने ई-कॉमर्स, खाद्य प्रसंस्करण और विपणन क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का विरोध करने का निर्णय किया है।
साहित्योत्सव में डूबे रसिक

साहित्योत्सव में डूबे रसिक

साहित्य अकादमी के साहित्योत्सव में ‘गांधी, आंबेडकर, नेहरू: निरंतरता तथा अलगाव’विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में भारतीय इतिहास और संस्कृति की प्रख्यात अध्येता कपिला वात्स्यायन ने अपनी बात रखी।
बिहार: नीतीश पर व्यक्ति ने फेंका जूता, पुलिस ने किया गिरफ्तार

बिहार: नीतीश पर व्यक्ति ने फेंका जूता, पुलिस ने किया गिरफ्तार

बिहार की राजधानी पटना में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जूता फेंकने की घटना सामने आई है। हालांकि जूता मंच पर नीतीश कुमार तक नहीं पहुंच पाया और पहले ही गिर गया। पुलिस ने जूता फेंकने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ जारी है।
बॉलीवुड में कोई असहिष्णुता नहीं : काजोल

बॉलीवुड में कोई असहिष्णुता नहीं : काजोल

भारत में असहिष्णुता पर चल रही बहस को महत्व नहीं देते हुए अदाकारा काजोल ने आज कहा कि बॉलीवुड में ऐसी कोई विभाजन रेखा नहीं है। जयपुर साहित्य उत्सव के तीसरे दिन काजोल ने कहा, हमारा उद्योग समाज में जो चल रहा होता है उसे हमेशा दर्शाता रहेगा। बॉलीवुड में कोई विभाजन रेखा नहीं हैं, ना ही जाति, नस्ल है और न ही असहिष्णुता। काजोल के करीबी दोस्त फिल्मकार करण जौहर ने उत्सव के उद्घाटन दिवस पर यह कहकर कि देश में अभिव्यक्ति की आजादी सबसे बड़ा मजाक है, तूफान ला दिया। हाल के महीनों में, अभिनेता शाहरूख खान और आमिर खान देश में बढ़ती असहिष्णुता के बारे में बोलकर विवादों में आ चुके हैं।
बंदूक वाले हाथों में सज रही है मेंहदी, पुलिस वाले होंगे बाराती

बंदूक वाले हाथों में सज रही है मेंहदी, पुलिस वाले होंगे बाराती

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की गोलियों का सामना कर रही पुलिस अब इन्हीं नक्सलियों का घर बसाने जा रही है। राज्य का बस्तर जिला शनिवार को माओवादी जोड़े के विवाह का गवाह बनेगा। राज्य के अति नक्सल प्रभावित बस्तर जिले की पुलिस इन दिनों जिले के दरभा क्षेत्र की निवासी कोसी मरकाम और बीजापुर जिले के पोडियामी लक्ष्मण के विवाह की तैयारी में है। विवाह के लिए जिला मुख्यालय जगदलपुर के गांधी मैदान को तैयार किया गया है और समारोह के लिए मेहमानों को निमंत्रण पत्र भी भेजा जा चुका है।
मैं काल्पनिक नहीं प्रामाणिक पर भरोसा करता हूं-रामदरश मिश्र

मैं काल्पनिक नहीं प्रामाणिक पर भरोसा करता हूं-रामदरश मिश्र

गीत, कविता, कहानियां, गजल, निबंध हर विधा में रामदरश मिश्र ने अपनी कलम चलाई है। वह नामी साहित्यकार से पहले संवेदनशील, उदार, स्नेहशील, सहज और सहृदयी व्यक्तित्व के स्वामी हैं। सन 2015 का साहित्य अकादमी पुरस्कार उनकी पुस्तक आग की हंसी के लिए देने की घोषणा हुई है। इस मौके पर साहित्य अकादमी, दिल्ली, के सभागार रामदरश मिश्र जी ‘लेखक से मिलिए’ कार्यक्रम में अपने पाठकों, प्रशंसकों से रूबरू हुए।
हर विद्रोह में ‘विद्रोही’ जिंदा रहेगा

हर विद्रोह में ‘विद्रोही’ जिंदा रहेगा

संघर्ष का नाम जनकवि रमाशंकर 'विद्रोही' नहीं रहे। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में पिछले दो दशकों में आने वाले हजारों छात्र उनकी कविता सुनकर संघर्ष करना सीखे होंगे। 'आसमान में धान बोने वाला' ये निर्भीक कवि संघर्ष करते हुए ही मरा। सोशल मीडिया पर विद्रोही की कविताओं का उत्सव सा जारी है। आंदोलनों में उनकी कविताएं गूंजती रहती हैं लेकिन उनकी चर्चित कविताओं में ‘जब भी किसी गरीब आदमी का अपमान करती है, ये तुम्हारी दुनिया, तो मेरा जी करता है, कि मैं इस दुनिया को उठाकर पटक दूं।’, ‘मैं भी मरूंगा और भारत के भाग्य विधाता भी मरेंगे लेकिन मैं चाहता हूं कि पहले जन-गण-मन अधिनायक मरें, फिर भारत भाग्य विधाता मरें ’, ‘आज तो चाहे कोई विक्टोरिया छाप काजल लगाए या साध्वी ऋतंभरा छाप अंजन लेकिन असली गाय के घी का सुरमा, तो नूर मियां ही बनाते थे...’ , ‘मैं किसान हूं आसमान में धान बो रहा हूं, कुछ लोग कह रहे हैं कि पगले, आसमान में धान नहीं जमा करता, मैं कहता हूं पगले, अगर जमीन पर भगवान जम सकता है तो आसमान में धान भी जम सकता है।..’ सोशल मीडिया पर इस जनकवि को श्रद्धांजलि देने वालों का सैलाब है-
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