दिल्ली विश्वविद्यालय ने निर्धारित समय में डिग्री की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाने वाले छात्रों को दिया जाने वाला विशेष अवसर का प्रावधान हटाने का फैसला किया है।
सेना भर्ती बोर्ड की परीक्षा के पर्चे कथित रूप से लीक हो गए जिसके बाद ठाणे पुलिस की अपराध शाखा ने छापेमारी कर महाराष्ट्र एवं गोवा से 18 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पर्चा लीक होने के सिलसिले में करीब 250 छात्रों को भी हिरासत में लिया गया। रविवार को पूरे देश में भर्ती परीक्षा होने वाली थी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज संसद में 2017-18 का बजट पेश करते हुए यात्रियों के लिए बड़ी घोषणा की है। भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) से ऑनलाइन टिकट बुक करने पर कोई सर्विस चार्ज नहीं लगेंगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष के अपने पहले ‘मन की बात’ में छात्रों और उनके माता-पिता को फोकस कर अपना संदेश दिया है। इसके साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर में हिमस्खलन में मारे गए सेना के जवानों को श्रद्धांजलि भी दी है। उन्होंने वीरता पुरस्कारों से सम्मानित होने वाले जवानों के बारे में बच्चों से पढ़ने और दूसरों से इस जानकारी को साझा करने की अपील की।
नोटबंदी को भाजपा नीत केंद्र सरकार का आर्थिक जुआ करार देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार संजय बारू ने कहा कि उत्तर प्रदेश और पंजाब में विधानसभा चुनाव के नतीजे इस योजना की सफलता की असली परीक्षा होंगे।
सीबीएसई के सभी छात्रों के लिए साल 2018 से 10 वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा अनिवार्य होने वाली है। इसकी संचालन इकाई ने इस बारे में एक प्रस्ताव को आज आमराय से मंजूरी दे दी।
प्रशासन और किसानों के बीच आदमपुर में सिविल एयरपोर्ट बनाने को लेकर जमीन अधिग्रहण मामला सुलझ गया। किसान प्रशासन को जमीन देने को तैयार हो गए। प्रशासन प्रति एकड़ 37 लाख रुपए के हिसाब से सवा 15 करोड़ रुपए देगा। डीसी केके यादव के साथ तीसरी बैठक में प्रशासन 28 लाख प्रति एकड़ के हिसाब से किसानों को पैसे देने की शर्त रखी तो किसान नहीं माने।
यूनिफॉर्म सिविल कोड और तीन तलाक पर हर दिन टेलीविजन और सोशल मीडिया पर तीखी बहस जारी है। एक तबका तर्क दे रहा है कि तीन तलाक ही मुसलमान औरतों के पिछड़ेपन की वजह है। कुल मिलाकर मुसलमान औरतों के हुकूक के सिलसिले में बहस-मुबाहसे तीन तलाक तक सीमित हो गए हैं। जबकि तरञ्चकी के पायदान पर उनके आखिरी कतार में खड़े होने की असल वजह उनकी कम तालीम है।
‘हम मुस्लिम समुदाय के सामान्य नागरिक, कलाकार,बुद्धिजीवि, लेखक और कवि इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि भारत में मुस्लिम समुदाय विभिन्नताओं , मत-मतांतरों और विषमताओं से भरा है। मुसलमानों का की भी एक संगठन या जन समूह पूरे समुदाय की तरफ से बोलने का दावा नहीं कर सकता है।’ कॉन्सटीट्यूशन क्लब में तीन तलाक, यूनुफॉर्म सिविल कोड और समानता के लिए महिलाओं का संघर्ष विषय पर आयोजित गोष्ठी में यह बात सामने आई। यह गोष्ठी एडवा, अनहद और शिक्षा की ओर से आयोजित की गई थी।